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भविष्य में संकर जीवों का आस्तित्व होगा

प्राचीन धार्मिक ग्रंथो में ऐसे जीवों का वर्णन मिलता है, जैसे नरसिंह, असलान, कामधेनु ,यानी सदियों पहले इस तरह के अस्तित्व की कल्पना रही है इसी कल्पना को साकार करने के लिए वैज्ञानिक दशको से प्रयास कर रहे है| इस दिशा में पहली सफलता २००३ में मिली थी चीन के शंघाई स्थित सेकेण्ड मेडिकल युनिवर्सिटी में सफलता पूर्वक खरगोश के अन्डो में मानव कोशिका प्रत्यारोपित कर दी थी उन्होंने इस अन्डो को स्टेम सेल पाने के लिए इस्तेमाल किया| इससे संकर जीवों के अस्तित्व का सपना साकार होते दिखा पूरी दुनिया में इस समय १० संकर जीव बनाने के प्रयास किये जा रहे है २००४ में चीनी वैज्ञानिको ने दावा किया की की उन्होंने ऐसा सूअर बनाया है जिसकी रगो में इंसान का खून बहता है | युनिवर्सिटी ऑफ़ नेवादा रेनो के वैज्ञानिकों ने दावा किया की उन्होंने ऐसी भेंड बना ली है जिसमे २० फीसदी कोशिकाए मानव की है ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने मानव और गाय से भ्रूण बनाने का दावा किया है ऐसे ही कुछ वैज्ञानिक चूहे में ऐसे लीवर का प्रत्यारोपण किया जो ९५ फीसदी मानव कोसिकाओ से बना था इसी तरह स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी के इरविन वाएयास म

कैसे हुआ ब्रह्माण्ड का निर्माण

photo : vigyanpragti वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग्स का कहना है की ब्रह्माण्ड की संग्रचना के पीछे भौतिक के नियम है न कि कोई ईश्वरीय सरीखी कोई सर्व सक्ति इस पर विभिन्य वैज्ञानिकों धर्मगुरूओं या स्वयं ब्यक्ति कि भिन्य राय हो सकती है परन्तु इस सदी के महान इस वैज्ञानिक कि राय को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता यह बयान उनकी जल्दी ही प्रकाशित होने वाली पुस्तक ' द ग्रैंड डिजाईनर के आगमन से पहले आये है ब्रमांड का निर्माण बिग बैंक यानी महा विस्फोट से हुआ है इस अवधारणा के मुताबिक बिग बैंक १३.७ अरब साल पहले हुआ १९८८ में अपनी पुस्तक ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम में इन्होने ईश्वर को स्वीकार किया था ये लिखे थे कि यदि हम प्रकृति के बुनियादी नियमो को तलाश लेते है तो हमें ईश्वर के मस्तिष्क का पता चल सकता है ब्रमांड के निर्माण में जो सिधांत सबसे ज्यादा प्रचलित है वो है बिग बैंक का सिधांत इसके अनुसार १३.७ अरब साल पहले ब्रमांड एक छोटे बिंदु के रूप में था इसमे अचानक महा विस्फोट हुआ और ब्रमांड कि उत्पत्ति हुई तो द्रब्य और ऊर्जा का फैलाव हुआ द्रब्य और ऊर्जा के साथ- साथ स

कैंसर रहित वातावरण देने वाले जीव की खोज

आस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने माएक्रोब्स के एक ऐसे समूह की खोज की है जो प्रदूषित वातावरण में मौजूद कैंसर के लिए जिम्मेदार पदार्थो को खाकर नष्ट कर देते है साऊथ आस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के मेघमल्लावरापू ने पता लगाया मिट्टी में रहने वाला यह बैक्ट्रिया बीटेक्स नमक केमिकल को खाकर नष्ट कर देता है यह केमिकल मनुष्य में कैंसर तंत्रिका सम्बंधित और दूसरे प्रकार के बीमारियों से सम्बंधित है मल्लावारापू के अनुसार यह केमिकल पुराने सर्विश स्टेसन वर्कशाप के पास पाया जाता है यह रिपोर्ट वर्ल्ड इन्वायरमेंटल टाक्सिकोलोजी और केमिस्ट्री कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया था

जीवन का विकाश तथा मानव की विकाश यात्रा

जीवन की उतपत्ति के विषय में विभिन्य मत हैं जैसे सृस्तीवाद ब्रमांड वाद प्रलाय्वाद स्वतःजनान्वाद परन्तु सर्वाधिक मान्य है प्रकृतवाद या जीव रसायन उद्विकास मत इसके अनुसार जीवन की उत्पत्ती निर्जीव पदार्थो से हुयी है कड़ोरों वर्षों के अनेकानेक भौतिक रासायनिक प्रक्रियाएं चलती रही हैं पहले अकार्बनिक फिर कार्बनिक पदार्थों का निर्माण हुआ इन प्रक्रियायों में ऐसे पदार्थ जैसे न्युक्लियो प्रोटिन से वाईरस जो सजीव तथा निर्जीव के बीच की कड़ी है अस्तित्व में आया इसमे स्व द्विगुणन होने से सजीव कोसीकायों की उत्पति हुयी तथा लगभग १.५ अरब वर्ष पूर्व सुकेंद्री कोसीकायों की उत्पति हुयी इसकी पुष्टी करने के लिए स्टेनली मिलर तथा हैरल्ड युरे ने प्रयोग साला में मीथेन अमोनिया हईद्रोजन के गैसीय मिश्रण को ६०००० वोल्ट पर अमीनो अम्ल सरल सर्कराएँ तथा अन्य कार्बनिक पदार्थ बनाकर दिखाए इसके बाद एक कोसकीय जीव से बहुकोसकीय जीव तथा उसकेबाद मछली और सरीसृप वर्ग का विकाश हुआ इसके बाद लगभग २१ करोड़ वर्ष पुर्व प्रारम्भिक जोरासिक काल में सरीसृप से स्त्तनधारियो का विकाश हुआ इसके प्राइमेट गण में जैसे आदि कपि बानर ल

कैसी होगी हमारा अंतरिछ्य पर्यटन एवं कैसे रहेगे चाँद पर

अंतरिछ्य यात्राओं निजी अंतरिछ्य यानों के जरिए कई कम्पनियाँ अंतरिछ्य अभियानों से जुड़ने की कोसिस कर रही है स्पेश एडवेंचर नामक अंतरिछ्य पर्यटन कंपनी जो की विश्व के प्रथम अंतरिछ्य पर्यटक डेनिश टीटो को अंतरास्तीय स्पेश स्टेसन की सैर कराने के लिए जानी गयी यह पर्यटकों को अंतरिछ्य एवं चाँद पर ले जाने का मन बना चुकी है तथा रिचर्ड ब्राऊन की वर्जीन गैलेक्टिक ५०० यात्रियों कोप्रतिवर्ष ले जाने का मन बना रही है लेकीन इसमे खर्चा ४०० करोड़ रूपया या १०० मीलियन डालर आयेगा जो की काफी महँगा है यदि आने वाले वर्षों में स्पेश शटल जैसे अंतरिछ्य वाहन जिन्हें पुनः इस्तमाल में लाया जा सकता है आने वाले १५ से २० वर्षों में विकसीत कर लिए जायेंगे जो की काफी सस्ता होगा जैसे जैसे अंतरिछ्य में भीड़ बड़ती जायेगी विभिन्य ग्रहों पर आवास की जरूरत पड़ेगी अमेरिकी अंतरिछ्य एजेंसी नासा ने ऐसे लोगों से प्रार्थना पत्र लेना शुरू कर दिया है जो चाँद पर तथा अंतरिछ्य स्पेश स्टेसन पर रहकर कार्य करे अभी तक रूकने का यही मात्र जगह है आने वाले दिनों में बहूत सी कम्पनियाँ अंतरिछ्य में इस तरह के आवास स्थापित करने

भविष्य के विज्ञानं एवं टेक्नालाजी में नैनो तकनीक

नैनो तकनीक का संबंद अत्यंत सूछ्म स्तर एक मीटर का अरबवा हिस्सा नैनो मीटर हाइड्रोजन के एक परमाणु के आकार के दश गुना होता है के स्तर पर तकनीक का निर्माण किया जाई इसके सहयोग से हम अगले पाच दसक में इसका प्रयोग करके अणुओं और परमाणुओं को जोड़कर इसी स्तर पर टेलीफोन कार हवाई जहाज मिजाइल अंतरिछ्यान कम्पूटर सभी कुछ मनचाहे पदार्थ द्वारा किसी भी आकार प्रकार में बना पाएंगे इसकी मदद से कैंसर एड्स मदुमेह और अन्य बिमारीयों पर विजय प्राप्त कर सकते है इसके द्वारा बीमारियों का प्रारम्भिक अवस्था में पता लगकर शीघ्र उपचार कर सकते हैं इसके माद्यम से क्रितीम अंग बनाये जा सकते हैं अब यह प्रश्न उठता है की यह कैसे होगा किसी भी पदार्थ को परमाणुविक पैमाने नैनो स्केल पर नियंत्रित ढंग से जोड़ तोड़ कर अपने इच्छानुसार परावर्तित करने की विद्या का नाम है नैनो टेक्नालोजी है इसी के द्वारा नैनो असेम्बलार्स की रचना करके जो नैनो रेपलीकेटर का कार्य करें इच्छित बस्त

प्रयोगशाला में ब्लैक होल

ब्लैक होल से सारे वैज्ञानिक भयभीत रहते है क्योंकी इसे ब्रमांड का सबसे बड़ा हत्यारा कहते हैं इससे प्रकाश तक बाहर नहीं निकलता और यदि कोई प्रकाश किरण आसपास से गुजरे तो उसे भी यह अपने में जप्त कर लेता है अब प्रयोगशाला में एक ब्लैक होल का निर्माण किया गया है यह सिर्फ रोचक ही नहीं बल्की उपयोगी भी साबित हो सकता है इस साल की सुरूआत में पद्र्यु युनिवेर्सिटी के अवेजेनी नारिमनोव और किल्दिसेव ने ब्लैक होल का एक सैधांतिक डिजाईन प्रकाशित किया था परिकलपना यह थी की एक ऐसा यन्त्र बनाया जाय जो ब्रह्माण्ड ब्लैक होल के गुण को दरसाय इनका विचार था की एक ऐसा यंत्र बनाना संभव है जिसमे प्रकाश लगातार अन्दर की ओर मुड़ता जाय इस विचार पर काम करते हुए अब चीन के दो वैज्ञानिक ताई जून कुई और केयेंग चेन ने सचमुच में एक ऐसा उपकरण तैयार किया है यह उपकरण ६० क्रमिक रूप से छोटे छोटे छल्लों से बना है हर छल्ला एक सर्किट बोर्ड की तरह होता है जिसके गुड धर्म प्रतेक छल्ले में बदलता रहता है जब बाहर से आने वाली विदुत चुम्बकीय तरंगे इस उपकरण पर पहुचती है तो वे इसमें फस जाती हैं केन्दरीय भाग के ओर धकेले जाती हैं तथा सो