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किसी भी मरीज के इलाज में खून की कमी नहीं होगी

वैज्ञानिकों की मानें, तो आने वाले दिनों में किसी भी मरीज के इलाज में खून की कमी नहीं होगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि जल्द ही वे इलाज में जरूरत पड़ने वाले खून की बेशुमार मात्रा सप्लाइ कर पाएंगे। मौजूदा समय में लोगों को चिकित्सा कारणों से जब खून की जरूरत पड़ती है, तो ब्लड की किल्लत के कारण उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है। ब्लड डिसऑर्डर्स और कई अन्य बीमारियों में लोगों को बड़ी मात्रा में खून चढ़ाना पड़ता है। लंबे शोध के बाद वैज्ञानिक वयस्क कोशिकाओं को मूल कोशिकाओं में बदलने में कामयाब हुए हैं। ये मूल कोशिकाएं की भी तरह की रक्त कोशिकाएं बनाने में सक्षम होंगी।पिछले करीब 20 साल से वैज्ञानिक यह पता करने की कोशिश कर रहे थे कि क्या इंसान के खून में कृत्रिम तौर पर मूल कोशिकाओं का निर्माण किया जा सकता है। मूल कोशिकाएं शरीर में किसी भी तरह की कोशिकाएं बना सकती हैं। अब शोधकर्ताओं की एक टीम को अलग-अलग तरह की कोशिकाओं को मिलाने में सफलता मिली है। इनमें रक्त की मूल कोशिकाएं भी शामिल हैं। जब इन कोशिकाओं को चूहे के शरीर में डाला गया, तो उन्होंने अलग-अलग तरह की इंसानी रक्त कोशिकाओं का निर्माण किया।अमे

पौधेां का भी नर्वस सिस्टम होता है

पोलैंड की वर्सा यूनिवर्सिटी ;के प्रोफ़ेसर स्टेनिलो कार पिंस्की और उनके ;साथी वैज्ञानिको का दावा है है की;पौधे प्रकाश में कैद जानकारिया समझ कर प्रतिक्रिया देते है । एक प्रयोग में जब पौधे के ऊपरी भाग में रोशनी डाली गयी ;तो उसका असर पूरे;पौधे पे सामान रूप से हुआ । शोधकर्ता बताते है की पौधेां का भी नर्वस सिस्टम होता है । साथ ही उनकी याददाश्त भी कमालकी होती है;। इसी कारण ;पौधे अपने ऊपर आये वातावरण मेंबदलाव के मुताबिक खुद को ढाल लेते है।

मस्तिष्क प्रत्यारोपण के विकास

बेहद गोपनीय अमेरिकी सैन्य शोधकर्ताओं का कहना है कि अगले कुछ महीनों में वे मस्तिष्क प्रत्यारोपण के विकास से जुड़ी नई प्रगति के बारे में जानकारी पेश करने वाले हैं. मस्तिष्क प्रत्यारोपण की मदद से याददाश्त बहाल की जा सकेगीअमेरिका की डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (डीएआरपीए) प्रबुद्ध स्मृति उत्तेजक को बनाने की योजना के कार्यक्रम का नेतृत्व कर रही है. यह इंसानी दिमाग को बेहतर तरीके से समझने के लिए बनाई गई योजना का हिस्सा है. इस योजना में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दस करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता दी थी.विज्ञान ने पहले ऐसा काम नहीं किया है. और इस पर नैतिक सवाल भी उठ रहे हैं कि जख्मी सैनिक की याददाश्त को बहाल करने और बूढ़े होते मस्तिष्क के प्रबंधन के नाम पर क्या इंसानी दिमाग के साथ छेड़छाड़ जायज है.कुछ लोगों का कहना है कि जिन लोगों को इससे लाभ पहुंचेगा उनमें पचास लाख अमेरिकी हैं जो अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित हैं और करीब तीन लाख अमेरिकी फौजी हैं जिनमें महिलाएं और पुरुष शामिल हैं. ये वो सैनिक हैं जो इराक और अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान घायल हुए और उनके मस्तिष्क में चोटें आई.

हिन्दू धर्म और टाइम मशीन का रहस्य समय यात्रा

हम सब समय में यात्रा करते हैं. पिछले साल से में एक साल समय में आगे बढ़ चूका हूँ. दूसरें शब्दों में कहूँ तो हम सब प्रति घंटे 1 घंटा की दर से समय में यात्रा करते हैं. लेकिन यहाँ पर सवाल यह है कि क्या हम प्रति घंटे 1 घंटा की दर से भी ज्यादा तेजी से यात्रा कर सकते है? क्या हम समय में पीछे जा सकते हैं? क्या हम प्रति घंटे 2 घंटे की रफ़्तार से यात्रा कर सकते है? 20 वी सदी के महान वैज्ञानिकअल्बर्ट आइंस्टीन ने विशेष सापेक्षता&(Special Relativity) नामक;सिद्धांत विकसित किया था. विशेष सापेक्षता के सिध्धांत के बारे में तो कल्पना करना भी मुश्किल हैं क्योंकि यह;रोजमर्रा की जिंदगी से कुछ अलग तरह की ही चीज़े उजागर करता हैं. इस सिध्धांत के मुताबिक समय और अंतरिक्ष एक ही चीज़ हैं. दोनों एकदूसरे से जुड़े हुए हैं. जिसे space-time भी कहते हैं. space-time में कोई भी चीज़ यात्रा कर रही हो उसकी गति की एक सीमा हैं-;3 लाख किलोमीटर. यह प्रकाश की गति हैं.विशेष सापेक्षता का सिध्धांत यह भी दर्शाता हैं की space-time में यात्रा करते वक्त कई आश्चर्यजनक चीजे होती हैं, खास कर के जब आप प्रकाश की गति या उसके आसपास की गति पा ल

"संकल्प शक्ति- सुपर चेतन मन -विज्ञान

मानव - मस्तिष्क इतनी विलक्षणताओं का केंद्र है जिसके आगे वर्तमान में अविष्कृत हुए समस्त मानवकृत उपकरण एवं यंत्रों का एकत्रीकरण भी हल्का पड़ेगा. अभी तक मस्तिष्क के 1/10 भाग की ही जानकारी मिल सकी है, 9 /10 भाग अभी तक शरीर शास्त्रियों और वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बना हुआ है. मस्तिष्क के इस 9/10 भाग में असीमित क्षमताएं भरी पड़ी हैं. मस्तिष्क में अगणित चुम्बकीय केंद्र हैं जो विविध-विधि रिसीवरों और ट्रांसफ़ॉर्मरों का कार्य सम्पादित करती हैं. मानव मस्तिष्क में असीमित रहस्यात्मक असीम शक्ति हैं जिसके विषय में हमें हलकी-फुलकी सतहीय सत्तर की जानकारी हैं. योग साधना का एक उदेश्य इस चेतना विद्युत -शक्ति का अभिवर्धन करना भी है. इसे मनोबल, प्राणशक्ति और आत्मबल भी कहते हैं. संकल्प शक्ति और इच्छा शक्ति के रूप में इसके चमत्कार देखे जा सके हैं. मनोविज्ञान के समूचे खजाने में दो चीजें भरी हैं सूत्र [ Formula ] और तकनीक [Technique ] . सूत्रों में स्थिति का विवेचन होने के साथ तकनीकों के संकेत भी हैं.तकनीकों द्वारा स्थिति को ठीक करने के प्रयास किये जातें हैं. संकल्प शक्ति संकल्प शक्ति मस्तिष्क के वे हाई momentum

"रोबोट से भी सेक्स करेगा इंसान

"रोबोट से भी सेक्स करेगा इंसान? एक मशहूर वैज्ञानिक के किए गए दावों के मुताबिक अगले 50 साल में इंसान न सिर्फ रोबोट से प्रेम करने लगेगा बल्कि उससे यौन संबंध बनाना भी बेहद आम बात हो जाएगी। डॉ. हेलेन ड्रिसकॉल के मुताबिक जिस तेजी से तकनीक का विकस हो रहा है उससे यह मुमकिन है कि वर्ष 2070 तक दो मानवों के बीच बनने वाले शारीरिक संबंधों को पिछड़ेपन की निशानी माना जाने लगे।गौर हो कि कई देशों में लोग इंसानों की तरह दिखने वाले पुतलों को या सेक्स डॉल्स को अपने सेक्स पार्टनर के तौर पर खरीद रहे हैं। आने वाले वक्त में ऐसे सेक्स रोबोट बनाए जा सकते हैं जो न सिर्फ इंसानों की तरह दिखेंगे बल्कि आपसे बात कर सकेंगे और आपकी हरकतों को भांप कर उसी तरह बिहेव करेंगे ड्रिस्कॉल के मुताबिक यह उन लोगों के लिए बहुत काम का साबित होगा जिनके साथी की मौत हो चुकी है या जो अकेले रहते हैं क्योंकि कोई भी साथी न होने से तो बेहतर रोबोट साथी होना ही है। यहां तक कि लोग इनसे सच में प्यार भी कर बैठेंगे। रोबोट के बारे में यह बात हमेशा से चर्चा का विषय रही है कि रोबोट इंसान की तरह ही सबकुछ कर सकते है। इसे लेकर वैज्ञानिकों की र
है कि भविष्य दर्शन फिल्मकारों की कल्पना हमारा हम जानते हैं आने वाली कल की रोबोट घर का खाना बनाने के लिए कोलगेट कंपनी काम करेंगे और 2050 तक हर बीमारी का इलाज हो जाएगा आज के समय में विज्ञान कितने ज्यादा तरक्की कर चुका है हर इंसान जानता है और किसी भी तरह की कृत्रिम शरीर में जाना जा सकता है और हाल ही में एक युवक ने अपने हाथों में कैमरा  लगाया है मतलब