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कैंसर को खत्म करने वाले टीके का निर्माण

ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एक ऐसा टीका बनाने का दावा किया है जो सर्वाधिक घातक किस्म के कैंसरों को भी ठीक कर सकता है । मिडिलसेक्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रे आइल्स के अनुसार स्तन, पेट, अग्न्याशय, सर्विकल और अंडाशय के कैंसर से पीड़ित रोगियों पर परीक्षित इस इंजेक्शन को अगले पांच सालों के दौरान बाजार में उतार दिया जाएगा । अमेरिकी फर्म सेलफेडेक्स थिनेपियूटिक्स के साथ संयुक्त रूप से इस इंजेक्शन को विकसित किया जा रहा है। आईल्स का कहना है कि इस टीके से कैंसर को सिकोड़ा जा सकता है ताकि वह आगे नहीं बढ़े।

जापान चांद और मंगल पर अपने ट्रेन चलाएगा

 यह वीडियो अंकित अवस्थी का है उन्होंने समाचार पत्रों का रिसर्च करके बनाया है अंकित अवस्थी जी ने काफी गहराई से इसका अध्ययन किया है इसमें जापान के वैज्ञानिकों ने दावा किया है की सन 2050 के बाद चांद और मंगल के लिए ट्रेन चलाई जाएगी यह मैग्नेट पद्धति के ट्रेन पर आधारित होगी यात्रियों को चांद और मंगल पर जाने की यह सुविधा हो जाएगी

गुदा कैंसर की नई दवा ने जगाई उम्मीदें

  अमेरिका में एक प्रयोग में शामिल हुए एक दर्जन से ज्यादा मरीजों का कैंसर ठीक होने को वैज्ञानिकों ने अद्भुत नतीजा बताया है. ये मरीज एक छोटी क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा थे. न्यूयॉर्क के मेमॉरियल सलोन केटरिंग (एमएसके) कैंसर सेंटर की एक क्लिनिकल ट्रायल में शामिल हुए गुदा कैंसर के मरीजों का कैंसर पूरी तरह ठीक हो गया. सेंटर ने बताया कि इन मरीजों को एक प्रायोगिक दवा डोस्टरलाइमैब दी गई थी. रविवार को यह अध्ययन न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुआ था. सबका कैंसर ठीक हुआ प्रकाशित अध्ययन में गुदा कैंसर से पीड़ित रहे 12 मरीजों का ब्यौरा दिया गया है. अध्ययन के मुताबिक मरीजों को हर तीन हफ्ते पर डोस्टरलाइमैब दी गई. यह प्रयोग छह महीने तक चला. प्रयोग के दौरान डॉक्टर यह मानकर चल रहे थे कि मरीजों को इसके बाद कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और सर्जरी आदि जैसे पारंपरिक इलाज कराने होंगे. यह भी पढ़ेंः  स्तन कैंसर के मरीजों के लिए बड़ी कामयाबी, नई दवा और नई श्रेणी लेकिन छह महीने बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रयोग में शामिल सभी मरीजों का कैंसर ठीक हो गया था. ऐसा पहली बार है जबकि किसी परीक्षण में सभी कैंसर के

क्या है ॐ ध्वनि का रहस्य भाग

 ....4 वास्तव में, स्त्री शरीर भी अधूरा शरीर है और पुरुष शरीर भी अधूरा शरीर है; इसलिए सृजन के क्रम में उन दोनों को संयुक्त होना पड़ता है। यह संयुक्त होना दो प्रकार का है। एक पुरुष का शरीर अगर बाहर की स्त्री से संयुक्त हो, तो प्रकृति का सृजन होता है तो प्रकृति की तरफ यात्रा शुरू होती है। और एक पुरुष का शरीर अगर अपने ही पीछे छिपे स्त्री शरीर से संयुक्त हो, तो ब्रह्म की तरफ का जन्म शुरू होता है ; परमात्मा की तरफ यात्रा शुरू होती है। ऊर्ध्वगमन का यात्रा पथ यही है..भीतर की स्त्री से संबंधित होना, और भीतर के पुरुष से संबंधित होना। वास्तव में ,जो ऊर्जा है, वह सदा पुरुष से स्त्री की तरफ बहती है ...चाहे वह बाहर की तरफ बहे और चाहे वह भीतर की तरफ बहे। अगर पुरुष के भौतिक शरीर की ऊर्जा भीतर के स्त्री शरीर के प्रति बहे, तो फिर ऊर्जा बाहर विकीर्ण नहीं होती -ब्रह्मचर्य की साधना का यही अर्थ है।  तब वह निरंतर ऊपर चढ़ती जाती है। चौथे शरीर तक उस ऊर्जा की यात्रा हो सकती है। चौथे शरीर पर ब्रह्मचर्य पूरा हो जाता है। इसके बाद ब्रह्मचर्य जैसी कोई चीज नहीं है; क्योंकि चौथे शरीर को पार करने के बाद साधक न पुरुष है

यूट्यूब क्रिएटर्स के लिए युटुब क्रिएटर्स ऑफ इंडिया की तरफ से नई जानकारी

https://youtu.be/x2ApKFFWsO4   यूट्यूब कौन सी नई जानकारी लेकर आ रहा है इस तरीके से आप अपने यूट्यूब चैनल से अच्छी कमाई कर सकते हैं यूट्यूब की क्या नहीं किया है यूट्यूब वीडियो में अच्छी जानकारी दी गई है

स्तूपासन के फायदे

https://vigyanik.quora.com   - यहा आतो के इन्फेक्शन को ख़त्म करता है। स्तूपासन आसन करने से पेट के स्नायुओं को शक्ति मिलती है तथा नाड़ी संस्थान को यह व्यवस्थित करता है। इस आसन के अभ्यास से कब्ज, पेट के विकार और वीर्य दोष दूर होते हैं तथा पूरा शरीर शुद्ध होता है। उच्च स्तर पर कुण्डलिनी को जागृत करने में भी इस आसन का अभ्यास ज्यादा फायदेमंद है। स्तूपासन आसन आतों की गंदगी को साफ करता है तथा  पाचन क्रिया में वृद्धि  करने में भी इस आसन के अनेक लाभ है स्तूपासन करने की विधि - स्तूपासन करने के लिए सबसे पहले  मैट बिछाकर बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को बाएं जांघ पर रखें तथा बाएं पैर को दाएं जांघ पर रखें। इसके बाद दोनों हाथों की मुट्ठियां बांध कर पीछे की ओर ले जाएं। अब दाएं हाथ की मुट्ठी को बाएं हाथ में कसकर पकड़ के नीचे की ओर करके रखें। इसके बाद गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए सामने की ओर जितना झुकना संभव हो जब चाहें मुट्ठियों को कसकर पकड़ कर रखें। आसन की इस स्थिति में 3 से 10 सेकंड तक रहें और सांस को रोक कर रखें। सांस को छोड़ते हुए धीरे धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं

क्या हाइड्रोजन वाकई जादुई ईधन है ?

  हाइड्रोजन ऊर्जा का एक रूप है। यह ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है। बिजली की थोड़ी मात्रा का उपयोग करके पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करके हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा सकता है। हाइड्रोजन गैसोलीन से बेहतर है क्योंकि यह एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है। इसकी ऊर्जा स्वच्छ, पोर्टेबल और नवीकरणीय है। जब हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में जलाया जाता है, तो केवल जलवाष्प और ऊष्मा उत्सर्जित होती है। आपको हाइड्रोजन ईंधन से कोई धुआं नहीं दिखाई देगा। हाइड्रोजन ईंधन हमारे पर्यावरण को बचाता है और हमारी हवा को सांस लेने के लिए स्वस्थ बनाता है। हाइड्रोजन ईंधन वह ईंधन है जो हाइड्रोजन से बनता है। हाइड्रोजन ब्रह्मांड में सबसे आम तत्वों में से एक है। इससे सूर्य और तारे बनते हैं। यह पानी, मीथेन और अमोनिया में भी है। यह सबसे हल्का तत्व है और इसे पहले कभी ईंधन के रूप में इस्तेमाल नहीं किया गया है। हाइड्रोजन से चलने वाले ईंधन सेल, वाहन वे वाहन हैं जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच रासायनिक प्रतिक्रिया से ऊर्जा प्राप्त करते हैं। इस प्रक्रिया से एकमात्र उत्सर्जन जल वाष्प है। ईंधन सेल एक उपक

ध्यान करने बैठते हैं तो मन भटकने क्यों लग जाता है?

https://hi.quora.com/   ध्यान करने बैठते हैं तो मन भटकने क्यों लग जाता है? भटकने लगता है, ऐसा नहीं है! हमेशा गतिशील रहने वाले मन से आपका साक्षात्कार होता है ! पहले यह समझिये मन क्या है, और ध्यान क्या है, फिर इसकी गति समझ आएगी! मन विचारों, भावों, समृति, कल्पना रूपी प्रक्रिया का नाम है जो मस्तिष्क रूपी अंग में सदा चली रहती है ! ध्यान किसी एक विचार के अटूट प्रवाह का नाम है! जब हम ध्यान करने बैठते हैं तो मन के भीतर निरंतर चलायमान यह गतिविधि हमारी जागरूकता में आ जाती है ! इसमें कुछ भी अस्वाभाविक नहीं! यह तो अच्छा ही है ! कम से कम बेहोशी की तन्द्रा तो टूटी ! अब करना क्या है ताकि मन को एक नयी आदत में ढाला जाये जिसे हम ध्यान कहते हैं! इस गति को रोकने का प्रयास न करें! इसके प्रति बस जागरूक रहें! विचार उठा है, चला भी जायेगा! बस छोड़ना सीखें! बह जाने दें इस प्रवाह को अनंत ब्रह्माण्ड में! जो सब छोड़ देता है, वह सब पा लेता है !

10 Years after the Higgs, Physicists Are Optimistic for More Discoveries

https://www.scientificamerican.com Imagine that you have just arrived on a planet in another solar system. Suddenly, five minutes after you landed, you spot an alien life-form. This is an amazing discovery! You may well spend decades trying to understand this exotic being, probing its properties and investigating how it came to be there. At the same time, you expect that there may be other fascinating creatures around, maybe even more intriguing than the first and possibly much harder to get a glimpse of. This is how it feels for particle physicists as we begin  a new phase , called Run 3, at the world’s most powerful particle accelerator: the Large Hadron Collider (LHC) at CERN near Geneva. This month marks the 10th anniversary of the  discovery of the Higgs boson , a long-sought particle that had been predicted almost 50 years earlier. The LHC was built to find the Higgs boson and it did. Its next goal is to find clues to help us decipher other unresolved mysteries. Although the mach

Blogger to WordPress: A Beginner’s Guide to Migrating Your Site Without Losing SEO

  Are you planning to transfer your site from Blogger to WordPress but don’t want to lose traffic and search engine rankings? Keep reading, because, in this article, we’ll explain why migrating your site can be beneficial and provide a step-by-step guide to help you complete the transfer process easily. Why Would You Migrate from Blogger to WordPress? Blogger  is a reliable but simple blogging platform for creating and publishing blog posts. But when it comes to expanding your site towards a larger-scale project (such as a digital store), Blogger may not provide all the features you need. On the other hand,  WordPress  is a fully-featured  CMS  that you can rely on to create any kind of website, from a personal blog to a business site. Let’s cover some of its strongest features: Self-hosted  — you can choose where to host your site, which allows for greater control on how much you spend, and what you get for it. Plugin and theme availability  — tons of plugins and themes are available