मनोमय कोष की साधना
{{{ॐ}}} # मन मे एक गुप्त शक्ति छिपी होती है यदि वह शक्ति मनोविकार,छल,छिद्र, लोभ, मोह, वश अनैतिक कार्य पाप कर्म की ओर प्रवृत्ति होती है तोअधोगति कारक है अत: उसे आध्यात्म की ओर मोडने से ही परमात्मा सी प्राप्ति होती है । गीता मे कहा गया है कि मन ही बंधन व मोक्ष का कारक है पतञ्जलि ऋषि ने कहा कि चित्त की वृत्तियों का निरोध करना एकाग्र करना ही योग है । भगवान कृष्ण ने अर्जुन को मन वश मे करने के लिए दो उपाय बताये है:- १:- अभ्यास २:- वैराग्य । इनके द्वारा ऐषणा प्रकृति को रोककर ऋतम्भरा बुद्धि को अन्तरात्मा के आधीन किया जा सकता है। जिसे मनोयोग कहते है इसके अनन्तर:-- १, ध्यानयोग २, त्राटक ३, जप ४, तन्मात्रा साधन ...