यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन में प्रोफेसर राजेश राव ने इलेक्ट्रिकल ब्रेन रेकॉर्डिंग का इस्तेमाल करके अपना दिमागी सिग्नल अपने साथी को भेजा। इस सिग्नल की वजह से उनके साथी की कीबोर्ड पर टिकी उंगली में हरकत हुई। राव के असिस्टेंट स्टोको का कहना है, 'जिस तरह से इंटरनेट कंप्यूटरों को आपस में जोड़ने का काम करता है, ठीक वैसे ही इंटरनेट दिमागों को भी कनेक्ट कर सकता है। हम दिमाग में बसे ज्ञान को एक शख्स से दूसरे में ट्रांसफर करना चाहते हैं।'
गौरतलब है कि ड्यूक यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने दो चूहों के बीच ब्रेन-टु-ब्रेन कम्यूनिकेशन होने से जुड़ा प्रयोग किया था। हावर्ड ने भी इंसान और चूहे के बीच ऐसा प्रयोग किया है। राव का मानना है कि उनका यह प्रयोग इंसानों के बीच ब्रेन कम्यूनिकेशन का पहला साइंटिफिक प्रयोग है।
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