विज्ञान अर्थात विषय का ज्ञान: ऋतु सिसोदिया

 विज्ञान अर्थात विषय का ज्ञान


10 हजार करोड़ की पावर आपके ब्रेन में है इसका सही से उपयोग किया तो आइंस्टीन बन जाओगे आतंकवादी भी बन जाओगे जादूगर भी बन जाओगे लोगो को मोरख भी बनाओगे


सोच पर प्रहार 

हमारे दिमाग का निर्माण कैसे हुआ ऊर्जा भोजन से प्राय होती है केमिकल रिलीज होते है


खोज कीजिये भाई

वैदिक scince सनातन वर्ड ही वेद से निकला मंत्र का प्रभाव साइंस के प्रक्रिया है क्योंकि ऊर्जा का ही खेल है सारा


इसलिए ही तो हम आज भी मांनासिक गुलाम है

क्योंकि ज्ञान को जान नही समझा नही सत्य को धारण कैसे करते जब जानते ही नही थे


लड़ो भिड़ा मार काट बस इसे में उलझाए रखा

बाकी सभी अन्य जाती उठान क्यों कर गयी ज्ञान कौशल को बढ़ाया


हमने अहनकार को इसलिए प्रगति अवरुद्ध हुई


एन्टीनाधारी  निहितार्थ स्वर्थी अल्प श्रम जीवी है परजीवी अधिक है तो कोई खतरा मोल ना लेते इधर उधर लुढ़कते रहते है


समय काल परिस्थितियों अनुरूप वेश बदल लेते

वह लक्षय से भृमित नही थे


प्रत्येक जीव स्वतंत्र है भाई तो क्षत्रय बन्धन में क्यों है अब मौके का लाभ उठाओ ज्ञान कौशल से भरो अपने को  साभार ऋतु सिसोदिया 

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