अगर आपको डर लगता है कि रोबोटों का वक़्त आने वाला है तो डरने की ज़रूरत नहीं. वो पहले से ही हमारे बीच मौजूद हैं. आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के प्रतिनिधि पहले ही हमारी ज़िंदगी के हर पहलू में शामिल हैं- वह हमारे इनबॉक्स को स्पैम मुक्त रखते हैं, वह इंटरनेट के प्रयोग में मदद करते हैं, वह हमारे हवाई जहाज़ चलाते हैं और अगर गूगल को सफ़लता मिली तो जल्द ही वे हमारे लिए हमारी गाड़ियां भी चलाएंगे. सिलिकॉन वैली के सिंगुलैरिटी विश्वविद्यालय में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के प्रमुख, नील जैकबस्टीन ने बीबीसी से कहा, "आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बसी हुई है." वे कहते हैं, "इसका इस्तेमाल दवाइयों, कानून, डिज़ाइन बनाने में और पूरी तरह स्वचालित उद्योग में होता है." और हर दिन अल्गोरिद्म पहले से ज़्यादा चतुर होती जा रही है. इसका मतलब यह है कि आधुनिक दुनिया की सबसे बड़ी चाहत- ऐसी मशीन की खोज, जो इंसानों जितनी ही बुद्धिमान हो- पूरा होने के बेहद करीब हो सकती है. जैकबस्टीन का अनुमान है कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस 2020 के दशक के मध्य तक इंसा
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