वांशिगटन: शोध से पता चला है कि मकड़ी के जाले से बने सूक्ष्म ट्यूब में उष्मा व बिजली का संचार हो सकता है। फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के भौतिकशास्त्री ईडन स्टीवन को मकड़ी के जाले और कार्बन नैनोट्यूब पर किए गए प्रयोग आश्चर्यजनक और पर्यावरण अनुकूल परिणाम मिले। स्टीवन ने कहा कि यदि हम विज्ञान के मूल को समझ जाए और जानें की प्रकृति कैसे काम करती है तो हम इसका प्रयोग करने की विधि समझ सकेंगे। इसके प्रयोग से हम नई स्वच्छ तकनीक का विकास कर सकेंगे। यह नई खोज शोध पत्रिका नेचर कम्युनिकेशंस में ऑनलाइन प्रकाशित हुई है। नैनोट्यूब को कार्बन की एक परमाणु के आकार की मोटाई वाली चादर के तौर पर समझा जा सकता है, जिसे मोर कर गोल कर एक नली बनाई गई है। नैनोट्यूब की चौड़ाई मनुष्य के बाल से 10 हजार गुना कम होती है। भौतिकशास्त्री ने कहा कि जब कोई चीज इतना सूक्ष्म हो, तो यह काफी अजीब व्यवहार करती है। स्टीवन ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस नई खोज को कई जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उपयोग ह्यूमिडिटी सेंसर, स्ट्रेन सेंसर, वजन को उठाने और बिजली के तार की तरह किया जा सकता है। (एजेंसी) sabhar : http://zeenews.in...
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