धरती से 26,000 प्रकाश वर्ष दूर एक विशाल ब्लैक होल एक एक कर ग्रहों, तारों और पिंडो को निगल रहा है. ब्लैक होल हमारी आकाश गंगा के केंद्र में है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ब्लैक होल सूर्य से चार लाख गुना बड़ा है ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ लिसेस्टर के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह ब्लैक होल हर दिन ब्रह्मांड में तैरती चीजों को निगलता जा रहा है. ब्लैक होल को सैजिटेरियस-A (धनु-ए) नाम दिया गया है. डॉक्टर कास्टीटिस जुबोवास के मुताबिक धनु-ए अपने सामने आने वाले गैस और धूल से बने क्षुद्र ग्रहों को तोड़ कर निगल रहा है. इस दौरान एक्स-रे किरणें और इंफ्रारेड विकीरण भी दिखाई पड़ रहा है. डॉक्टर जुबोवास और उनके साथियों कहते हैं कि ब्लैक होल आकार में सूर्य से 4,00,000 गुना बड़ा है. ब्रह्मांड में तैर रहे तारों के अवशेषों को भी धनु-ए निगलता जा रहा है यह जानकारी सामने आने के बाद यह बहस फिर छिड़ गई है कि क्या ब्लैक होल सौर मंडल को नए सिरे से बनाते हैं. ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के माउंट स्ट्रोम्लो ऑब्जरवेट्री के मिशेल बैनिस्टर कहती हैं, "आकाश गंगा का केंद्र एक अत्यंत ऊर्जा वाला स्थान है. बहुत कम ...
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