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रोबोट को जिंदा मशीन बनाने की तैयारी

मनुष्य के रोमांच और खेल के लिए बैटरी लगा कर बने रोबोट्स के दिन अब लद गए. रोबोटिक्स विज्ञान और तकनीन में नई क्रांति हो रही है जिसे इवोल्यूशनरी रोबोटिक कहा जाता है. अब रोबोट्स का पालतू जानवर की तरह इस्तेमाल करने का विचार. बीलेफेल्ड के रोबोटिक्स प्रोफेसर हेल्गे रिटर अपने जापानी सहयोगी मिनोरू असादा के साथ. चाइल्ड रोबोट सीबी2 प्रोजेक्ट के साथ. सिर्फ पालतू बनाने का विचार ही नहीं बल्कि वे रोबोटों को पैदा करने की भी बात कर रहे हैं. इवोल्यूशनरी रोबोटिक की खासियत है कि इसके तहत रोबोट्स में मनुष्यों वाली विशेषताएं भी होंगी. रोबोट में इस्तेमाल होने वाली मशीनें डायनामिक होंगी, आस पास के वातावरण से खुद को एडजस्ट कर लेंगी, खुद को बदल सकेंगी, नकार कर सकेंगी. साथ ही अपने आप सीख सकेंगी, सहायता करेंगी, विकसित होंगी और जिंदा प्राणी या व्यक्ति की तरह खुद को विकसित कर सकेंगी. गड़बड़ी के मारे साल में एक बार रोबोट्स की चैंपियनशिप होती है जिसमें फुटबॉल, राहत ऑपरेशन और घर में काम आने वाले रोबोट्स एक दूसरे से भिड़ते हैं. रोबोटों की क्षमता दिखाने वाली ये प्रतियोगिताएं अक्सर रोबोटों में गड़बड़ी के कारण