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चीनी का सेवन हमारे मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है

 चीनी का सेवन हमारे मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है। मीठा खाना लगभग हर किसी को पसंद होता है, यह जानते हुए भी कि आजकल के दौर में हम शारीरिक तौर पर ज्यादा मेहनत नहीं करते, फिर भी मीठा तो बहुत से लोगों की कमजोरी है।          खाने के बाद मीठा तो जरूर चाहिए, मौसम अच्छा हो तो मीठा चाहिए, गर्मी ज्यादा हो तो मिल्कशेक चाहिए, ठंड हो तो जलेबी या गर्मागर्म हलवा चाहिए। बाकी बिना किसी अवसर के भी कभी-कभी मीठा खाया जाए तो कोई क्या परेशानी है।         लेकिन क्या कभी हमने यह सोचा है अगर खाने से मीठे की मात्रा हटा ली जाए, तो शरीर पर किस तरह के प्रभाव देखने को मिलते हैं? नहीं सोचा, तो चलिए हम ही बता देते हैं कि अगर एक महीने तक चीनी को अलविदा कह देते हैं तो इससे हमारे शारीरिक या मानसिक रूप से क्या अंतर देखने को मिलता है।         १. हमारे दिल की सेहत बहुत अच्छी रहती है, हमारा दिल शरीर का सबसे संवेदनशील भाग होता है। इस वजह से उसे कहीं ज्यादा हमारे केयर की जरूरत होती है। अगर हम अपनी दिनचर्या से चीनी को हटा देंगे तो ...

रहस्यमय ‘डूबे हुए संसार’ (Sunken World) की खोज

 वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की आंतरिक संरचना की नई मैपिंग तकनीक का उपयोग करके प्रशांत महासागर के नीचे एक रहस्यमय ‘डूबे हुए संसार’ (Sunken World) की खोज की है। यह खोज पृथ्वी के मेंटल (Mantle) में लगभग 2,900 किलोमीटर गहराई में की गई है, जहां भूकंपीय तरंगों (Seismic Waves) की गति अचानक धीमी हो जाती है। यह क्षेत्र लो-वेलोसिटी ज़ोन (Low-Velocity Zone) कहलाता है, जो वैज्ञानिकों को संकेत देता है कि यहाँ कोई असामान्य और अति-प्राचीन परत मौजूद हो सकती है। ‼️क्या है यह डूबा हुआ संसार? यह संरचना पृथ्वी के शुरुआती इतिहास की एक बची हुई परत हो सकती है, जो संभवतः  4 अरब साल पुरानी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह किसी प्राचीन महाद्वीप या थिया (Theia) नामक एक प्राचीन ग्रह के अवशेष हो सकते हैं, जो अरबों साल पहले पृथ्वी से टकराया था और जिससे चंद्रमा का निर्माण हुआ था। ‼️कैसे हुआ यह खुलासा? शोधकर्ताओं ने एक अत्याधुनिक सेस्मिक इमेजिंग तकनीक का उपयोग किया, जिससे पता चला कि यह परत आसपास के मेंटल की तुलना में घनी और गर्म है। इसका मतलब यह हो सकता है कि यह पृथ्वी के निर्माण के शुरुआती दिनों में गहरे मेंटल ...

हृदय का राजा अर्जुन छाल

 🇮🇳 हृदय  का राजा अर्जुन छाल  अर्जुन की छाल को आयुर्वेद में एक शक्तिशाली औषधि माना गया है, खासकर हृदय (दिल) से जुड़ी समस्याओं के लिए। इसे "हार्ट का राजा" कहा जाता है क्योंकि यह हृदय को मजबूत बनाने और कई हृदय रोगों को ठीक करने में मदद करता है। अर्जुन की छाल के मुख्य फायदे: 1. हृदय को मजबूत बनाती है – अर्जुन छाल रक्त संचार को सही रखती है और हृदय की धमनियों को स्वस्थ बनाए रखती है। 2. ब्लड प्रेशर कंट्रोल करती है – हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर दोनों को संतुलित करने में मददगार है। 3. कोलेस्ट्रॉल कम करती है – खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में सहायक है। 4. दिल की धड़कन को नियंत्रित करती है – अनियमित धड़कनों (Arrhythmia) को सही करने में मदद करती है। 5. ब्लड शुगर को नियंत्रित करती है – मधुमेह के मरीजों के लिए भी यह फायदेमंद है। 6. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर – शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करके एंटी-एजिंग प्रभाव डालती है। 7. लिवर और किडनी के लिए लाभकारी – यह लिवर को डिटॉक्स करने और किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करती है। 8. तनाव और चिंता को क...

भोग का अर्थ है – सुख-दुःख का अनुभ

 भोगायतन ----+ भोग का अर्थ है – सुख-दुःख का अनुभव। यह अनुभव शरीरी आत्मा का होता है (वस्तुतः सुख-दुःख का प्रत्यक्ष सम्बन्ध बुद्धि से ही है; निर्गुण आत्मा में सुख-दुःख का आरोपमात्र किया जाता है)। भोग की शरीर-सापेक्षता के कारण शरीर (स्थूल-सूक्ष्म) को भोग का आयतन (आश्रय) कहा जाता है। सांख्यसूत्र (5/114; 6/60) में इस दृष्टि से भोगायतन शब्द का प्रयोग भी किया गया है। भोगायतन को भोगाधिष्ठान भी कहा जाता है (व्यासभाष्य 2/5)। भौतिकसर्ग भौतिक = पंचभूतविकार; पर ‘भौतिक सर्ग’ के प्रसंग में भौतिक का अर्थ है – भूतनिर्मित शरीर (शरीर चूंकि शरीरी क्षेत्रज्ञ के बिना नहीं रहता, अतः ‘भौतिक सर्ग’ वस्तुतः देही आत्मा के भेदों को लक्ष्य करता है)। सांख्य के अनुसार देहधारी जीवों की चौदह योनियाँ ही भौतिक सर्ग हैं (सांख्यका. 53) – देवयोनि आठ प्रकार की, तिर्यक्-योनि पाँच प्रकार की तथा मनुष्ययोनि एक प्रकार की है। ये जीव सत्त्व-रजः-तमः के प्राधान्य के अनुसार ऊर्ध्वलोक-मध्यलोक-अधोलोक के निवासी होते हैं – यह ज्ञातव्य है। पाँच भूतों के परस्पर संमिश्रण से जो स्थूल वस्तु बनती है, वह भी भौतिक कहलाती है (घट आदि पदार्थ भौत...

काम वासना और जीवन:आचार्य श्री रजनीश ओशो, तंत्र

 ताओ कहता है अगर व्यक्ति संभोग में उतावला न हो, केवल गहरे विश्राम में ही शिथिल हो तो वह एक हजार वर्ष जी सकता है। अगर स्त्री और पुरुष एक दूसरे के साथ गहरे विश्राम में हो एक दूसरे में डूबे हों कोई जल्दी न हो, कोई तनाव न हो, तो बहुत कुछ घट सकता है रासायनिक चीजें घट सकती हैं। क्योंकि उस समय दोनों के जीवन-रसों का मिलन होता है दोनों की शरीर-विद्युत, दोनों की जीवन-ऊर्जा का मिलन होता है। और केवल इस मिलन से–क्योंकि ये दोनों एक दूसरे से विपरीत हैं–एक पॉजिटिव है एक नेगेटिव है। ये दो विपरीत धुरव हैं–सिर्फ गहराई में मिलन से वे एक दूसरे को और जीवतंता प्रदान करते हैं। वे बिना वृद्धावस्था को प्राप्त हुए लंबे समय तक जी सकते हैं। लेकिन यह तभी जाना जा सकता है जब तुम संघर्ष नहीं करते। यह बात विरोधाभासी प्रतीत होती है। जो कामवासना से लड़ रहे हैं उनका वीर्य स्खलन जल्दी हो जाएगा, क्योंकि तनाव ग्रस्त चित्त तनाव से मुक्त होने की जल्दी में होता है। नई खोजों ने कई आश्चर्य चकित करने वाले तथ्यों को उद्धाटित किया है। मास्टर्स और जान्सन्स ने पहली बार इस पर वैज्ञानिक ढंग से काम किया है कि गहन मैथुन में क्या-क्या घ...

दो सिर धड़ एक वाली बहने

 मिनेसोटा में पाँचवीं कक्षा की शिक्षिका एबी और ब्रिटनी हेन्सल, जुड़वाँ बहनें एक अनोखी कार्य व्यवस्था साझा करती हैं। अलग-अलग डिग्री और योग्यता रखने के बावजूद, उन्हें अपनी साझा नौकरी के लिए केवल एक वेतन मिलता है। जुड़वाँ बहनें, जिनके दिमाग और व्यक्तित्व अलग-अलग हैं, लेकिन शरीर एक है, कक्षा की ज़िम्मेदारियाँ साझा करती हैं और एक साथ सहजता से काम करती हैं। उनके नियोक्ता एक वेतन प्रदान करते हैं क्योंकि वे एक शारीरिक स्थिति में हैं। चुनौतियों के बावजूद, एबी और ब्रिटनी ने अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन दोनों में टीमवर्क के प्रति अपनी लचीलापन और समर्पण का प्रदर्शन करते हुए सफल करियर बनाया है

गर्म पानी पीने के फायदे

 पानी इंसान के शरीर की सबसे बड़ी जरुरत है। पानी से हमारा शरीर पूरे दिन तरोताजा रहता है। अगर पानी को गर्म करके पीते हैं, तो यह और भी ज्यादा फायदेमंद है। रोजाना सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से शरीर के कई रोग यूं ही मिट जाते हैं।  🌼🌸 ☘️ मेटाबॉलिज्म और पाचन तंत्र में सुधार (Improves Metabolism and Digsation) सुबह-सुबह गर्म पानी पीने से शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है, जिससे मेटाबॉलिज्म और पाचन तंत्र में सुधार होता है। ☘️ शरीर को करता है डिटॉक्स ( Detox to Body) आप इसे बॉडी में फिल्टरेशन भी कह सकते हैं। गर्म पानी शरीर का तापमान बढ़ाता है, जिससे पसीने के जरिए शरीर से गंद बाहर आता है और फिर शरीर की अंदरूनी सफाई से स्किन ग्लो करती है। ☘️ ब्लड सर्कुलेशन में सुधार (Improves Blood Circulation) गर्म पानी पीने से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह तेज होता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।इससे हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा कम होने लगता है।  ☘️शरीर रहता है हाइड्रेट (Hydrates Body)  शरीर में पानी की कमी भी महसूस नहीं होती है। साथ ही बॉडी टेंपरेचर कंट्रोल में रहता है, जिससे दिनभ...

धर्म के रहस्य क्या है :ऋतु सिसोदिया

  आप संगीत में रुचि रखते हैं, संगीत साधना(रियाज)करना चाहते हैं। आप चित्रकार हैं, सुंदर चित्र बनाना चाहते हैं। आप किसी समस्या के समाधान के लिए गहन चिंतन मनन करना चाहते हैं। और आपके आसपास कोई नकारात्मक सोच वाला ,चिढ़चिढ़े स्वभाव का व्यक्ति हो ,वह कुढ़ते हुये बड़बड़ा रहा हो तो आप ठीक से अपना काम नहीं कर सकते। जो आपसे चिढ़ते हैं वे आपके कार्य में बाधा डालने का हरसंभव प्रयास करते हैं। ------------ लोग विशिष्ट कार्यो़ के लिए विशेष स्थान का चयन करते हैं।ताकि अवांछित लोग उनके कार्य में बाधक न बन सकें। ----------- अति महत्वपूर्ण कार्यों के संबंध में योजनाओं को यथासंभव गोपनीय रूप से पूरा करने का प्रयास करते हैं। ---------- ऋषि मुनि गहन वनों में गुफाओं में साधना के लिए  स्थान इसीलिए चुनते थे।ताकि वहाँ अवांछित नकारात्मक सोचवाले लोगों से दूर रहा जा सके। ------------- भाव बहुत शक्तिशाली होते हैं।सारा खेल भाव ऊर्जा का ही है।अतः अपने लक्ष्य के अनुकूल भाव वालों के सानिध्य में रहना,तथा अपने लक्ष्य के प्रतिकूल भाव वाले नकारात्मक सोच वालों से दूर रहना होता है। जब भाव बहुत सघन हो जायें तो साकार हो जाते ...

बिना दवाइयों के उपयोग से पाचन तंत्र कैसे मजबूत करे

? पाचन तंत्र का सही से काम करना हमारे पूरे शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप बिना दवाइयों का सहारा लिए, सिर्फ कुछ आसान, प्राकृतिक उपायों से अपने पाचन तंत्र को मजबूत कर सकते हैं? जी हां, यह पूरी तरह से संभव है! इस उत्तर में हम आपको वो सभी तरीके बताएंगे जिनसे आप बिना किसी दवाई के पाचन तंत्र को स्वस्थ और मजबूत बना सकते हैं। 1. संतुलित आहार का सेवन करें: हमारा आहार हमारे पाचन तंत्र पर सीधा प्रभाव डालता है। अगर आप तैलीय, मसालेदार और भारी खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करते हैं, तो पाचन तंत्र पर दबाव बनता है। इसके बजाय, ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और दालों का सेवन करें। इन खाद्य पदार्थों में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन को आसान बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाता है।  2. पानी पीने की आदत डालें: हमारे शरीर का 70% हिस्सा पानी है और पाचन प्रक्रिया के लिए पानी की जरूरत होती है। पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और पेट की सूजन को कम करने में मदद करता है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की आदत डालें...

शिव शक्ति के अमिट दिव्य प्रेम ऊर्जा

 स्त्री पुरुष के मद्य ब्लेम गेम की कला भारत मे कब से ज्यादा विकसित हुई...🤔 जब दोनों गैर जिम्मेदार हुए ,,बेहोश मन इंद्रियों के गुलाम हुए इससे सर्वाधिक हानि बृक्ष की शाखाओं की हुई  बोया किसी और का काटेगा कोई और... ये हुआ आपका कार्मिक अकाउंट,,दुष्कर्म, विवाह सामाजिक व्यवस्था थी इसका उल्लंघन करने पर क्षणिक दंड भुगतान है किंतु श्रष्टि का तो सन्तुलन का नियम है  शिव शक्ति के अमिट दिव्य प्रेम ऊर्जा को समझने हेतु चिंतन की आवस्यकता है,,विशुद्ध सात्विक मन की आवस्यकता है,, शिव व सती के पुनर्मिलन की कहानी रोचक लगती है किंतु सती के कठोर तप व साधना दृढ़ संकल्प की स्कक्ति परीक्षण श्रष्टि में मानव रूप में देनी पड़ी  दिव्य आत्माओं का पदार्पण दुर्लभ है जटिलताओं से होकर गुजरना पड़ता है माता पार्वती सफल हुई अंततः शिव पार्वती के विवाह की समस्त रस्मो से ही विवाह भारतीय 16 संस्कार में एक उत्तम व श्रेस्ठ संस्कार है जिसे ग्रहस्थ आश्रम नाम दिया हमारे ऋषि महाऋषियों ने आज कल आश्रम का ही ज्ञान नहि विसंगतियां उतपन्न हो गयी विवाह संस्कार को खेल समझ लिया पशुवत आचरण मनोरंजन किया और छोड़ दिया हालात तब बु...

भ्रंगराज के लाभ

  आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मत है कि भृंगराज बालों और लीवर से जुड़ी समस्याओं के लिए लाभदायक है, क्योंकि इसमें केश्य गुण पाया जाता है।भृंगराज के अदभुत प्रयोग है।  भृंगराज केशों के लिए यह महत्वपूर्ण तो है ही लेकिन इसके अन्य औषधीय गुण शायद और ज्यादा महत्वपूर्ण लगते हैं क्या आप जानते है कि भृंगराज(False daisy)आपका कायाकल्प करने में भी सक्षम है यदि सही तरीके से प्रयोग किया जाये तो यहाँ तक कि कैंसर से आप इसके सहारे लड़ सकते हैं और जीत भी सकते हैं यदि आपको बाल काले रखने हैं तो भृंगराज की ताजी पत्तियों का रस रोजाना सिर पर मल कर सोयें- यदि पेट बहुत खराब हो तो भृंगराज की पत्तियों का रस या चूर्ण दस ग्राम लीजिये उसे एक कटोरी दही में मिला कर खा जाइए ।दिन मे 3 times 2 days लेना है।  पीलिया एक जानलेवा रोग है लेकिन रोगी को पूरे भृंगराज के पौधे का चूर्ण मिश्री के साथ खिला दीजिये 100 ग्राम चूर्ण पेट में पहुंचाते ही पीलिया ख़त्म  या फिर भृंगराज के पौधे को ही क्रश करके 10 ग्राम रस निकालिए और उसमें एक ग्राम काली मिर्च का पावडर मिलाकर मरीज को पिला दीजिये दिन में 3 बार 3 दिनों तक इस मिश्रण ...

हमारा शरीर अपने आप में एक जटिल और अद्भुत दुनिया है

 क्या आप जानते हैं? हमारा शरीर अपने आप में एक जटिल और अद्भुत दुनिया है । यकीन नहीं होता? तो यह सुनिए: •अगले 30 सेकंड में, आपका शरीर 7 करोड़ 2 लाख लाल रक्त कोशिकाएं (RBC) तैयार कर चुका होगा। •इसी दौरान, आपकी 1,74,000 स्किन कोशिकाएं झड़ जाएंगी। •आपका खून शरीर के अंदर लगभग 7 किलोमीटर का सफर तय कर चुका होगा। •आपके दिमाग में 25 नए विचार आ चुके होंगे। •और आपकी आँखें 600MB डेटा को प्रोसेस कर चुकी होंगी। सोचिए, हर सेकंड आपका शरीर कितने चमत्कार करता है। आपका शरीर सचमुच एक जीवित ब्रह्मांड है! . . . . #science #biology #humanity #bodybuilding #scifi #gk #knowledgeispower

त्रिफला सेवन के लाभ

  शिशिर ऋतू में ( 14 जनवरी से 13 मार्च) 5 ग्राम त्रिफला को आठवां भाग छोटी पीपल का चूर्ण मिलाकर सेवन करें। 2⭐ बसंत ऋतू में (14 मार्च से 13 मई) 5 ग्राम त्रिफला को बराबर का शहद मिलाकर सेवन करें। 3⭐ ग्रीष्म ऋतू में (14 मई से 13 जुलाई ) 5 ग्राम त्रिफला को चोथा भाग गुड़ मिलाकर सेवन करें। 4⭐ वर्षा ऋतू में (14 जुलाई से 13 सितम्बर) 5 ग्राम त्रिफला को छठा भाग सैंधा नमक मिलाकर सेवन करें। 5⭐ शरद ऋतू में(14 सितम्बर से 13 नवम्बर) 5 ग्राम त्रिफला को चोथा भाग देशी खांड/शक्कर मिलाकर सेवन करें। 6⭐ हेमंत ऋतू में (14 नवम्बर से 13 जनवरी) 5 ग्राम त्रिफला को छठा भाग सौंठ का चूर्ण मिलाकर सेवन करें।           ओषधि के रूप में त्रिफला     ⭐ रात को सोते वक्त 5 ग्राम (एक चम्मच भर) त्रिफला चुर्ण हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होता है। अथवा त्रिफला व ईसबगोल की भूसी दो चम्मच मिलाकर शाम को गुनगुने पानी से लें इससे कब्ज दूर होता है। इसके सेवन से नेत्रज्योति में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है। ⭐ सुबह पानी में 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण साफ़ मिट्टी के बर्तन में भिग...

काम वासना और आध्यात्मिक ज्ञान

 आज की युवा पीढ़ी वासना - कामवासना और अज्ञानता के चलते अंधकार में डूबती चली जा रही है जब तक कि लोग उस आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त नहीं करेंगे जो इस जीवन का महासत्य है !       जीवन ऊर्जा की बात करें तो जिसे वीर्य कहा जाता है यह एक ऐसी चमत्कारी ऊर्जा है जो एक जीवन को प्रकट करती है ! कभी सोचे समझे हो कि आखिर इस वीर्य में इतनी शक्ति आती कहां से है जिससे वह एक जीते जागते जीव को प्रकट करता है ?? सोचो सोचो सोचने का पैसा नहीं लगता !! इसमें वह चैतन्य आखिर कहां से आता है जो बड़ा होकर संसार में अद्भुत कार्य करता है ??    वीर्य एक आध्यात्मिक पदार्थ है ! अपने इस अस्तित्व को एक पल के लिए तेल का दीपक समझो ! जैसे बिना तेल के दीपक में मौजूद लौ टिमटिमाती है और उसके बाद दीपक बुझ जाता है ठीक उसी भांति वीर्य के बिना हमारा यह अस्तित्व जीवित्त लास की भांति जानो ! जिससे हमारी औरा फीकी पड़ जाती है तथा हमारा मन और शरीर शक्तिहीन बनता है , हमारे विचार व भावनाएं अशुद्ध होकर अंधकारमय बन जाते हैं ! हमारे ऋषि मुनि जानते थे कि जीवन शक्ति की रक्षा , पोषण और निर्देशन करना आध्यात्मिक जाग...

विज्ञान भैरव तंत्र और संभोग ओशो

 ताओ कहता है अगर व्यक्ति संभोग में उतावला न हो, केवल गहरे विश्राम में ही शिथिल हो तो वह एक हजार वर्ष जी सकता है। अगर स्त्री और पुरुष एक दूसरे के साथ गहरे विश्राम में हो एक दूसरे में डूबे हों कोई जल्दी न हो, कोई तनाव न हो, तो बहुत कुछ घट सकता है रासायनिक चीजें घट सकती हैं। क्योंकि उस समय दोनों के जीवन-रसों का मिलन होता है दोनों की शरीर-विद्युत, दोनों की जीवन-ऊर्जा का मिलन होता है। और केवल इस मिलन से–क्योंकि ये दोनों एक दूसरे से विपरीत हैं–एक पॉजिटिव है एक नेगेटिव है। ये दो विपरीत धुरव हैं–सिर्फ गहराई में मिलन से वे एक दूसरे को और जीवतंता प्रदान करते हैं। वे बिना वृद्धावस्था को प्राप्त हुए लंबे समय तक जी सकते हैं। लेकिन यह तभी जाना जा सकता है जब तुम संघर्ष नहीं करते। यह बात विरोधाभासी प्रतीत होती है। जो कामवासना से लड़ रहे हैं उनका वीर्य स्खलन जल्दी हो जाएगा, क्योंकि तनाव ग्रस्त चित्त तनाव से मुक्त होने की जल्दी में होता है। नई खोजों ने कई आश्चर्य चकित करने वाले तथ्यों को उद्धाटित किया है। मास्टर्स और जान्सन्स ने पहली बार इस पर वैज्ञानिक ढंग से काम किया है कि गहन मैथुन में क्या-क्या घ...

सिद्ध कुञ्जिका स्तोत्रम् तंत्र रूप

कुञ्जिका स्तोत्र पाठ विषय में भ्रांति है कि इसके पाठ के फल से दुर्गापाठ का फल मिल जाता है तो फिर सप्तशती के पाठ की क्या जरुरत है अतः सप्तशती पाठ के बाद में करें । परन्तु इसी स्तोत्र में लिखा है कि "इदं तु कुञ्जिका स्तोत्रं - मंत्र जागर्तिहैतवे" अतः मंत्र के जाग्रति की प्रार्थना तो मंत्र जपने से पहिले ही करनी चाहिये । जैसे के माला मंत्रो में ( ॐ मां माले महामाये........) प्रयोग में आया है । पुनः तंत्र ग्रंथो में लिखा है कि "भूत लिपि" के प्रयोग बिना मंत्र सिद्ध नहीं होता है । इस स्तोत्र में "अं, कं, चं, टं, तं, पं, यं, शं" शब्द आये है इनका अर्थ है, अ वर्ग, क वर्ग, च वर्ग, ट वर्ग, त वर्ग, प वर्ग, य वर्ग, श वर्ग अर्थात समस्त मातृका का उच्चारण स्मरण है । अथ इसमें "भूत लिपि'" जाग्रति की सूक्ष्म क्रिया का समावेश है । मंत्र जागृति के २७ जप रहस्य हैं उनमें दोहन, आकर्षण, अमृतीकरण, दीप्तीकरण आदि हैं उनका प्रयोग इस स्तोत्र में नवार्ण मंत्र में है । उनमें आये बीजाक्षरों को देखने से मिलता है । यथा ग्लौं (अशुद्धिनिवारण व दोहन हेतु ) । क्लीं जूं सः (अमृतीकरण...