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नकारात्मक ऊर्जा (निगेटिव एनर्जी) एक प्रकार की ऊर्जा है

नकारात्मक ऊर्जा (निगेटिव एनर्जी) एक प्रकार की ऊर्जा है जो हमारे आसपास के वातावरण में नकारात्मक प्रभाव डालती है। यह ऊर्जा हमारे विचारों, भावनाओं और क्रियाओं से उत्पन्न होती है और हमारे जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। नकारात्मक ऊर्जा के कुछ उदाहरण हैं: 1. नकारात्मक विचार और भावनाएं, जैसे कि डर, चिंता, क्रोध और ईर्ष्या। 2. नकारात्मक शब्द और व्यवहार, जैसे कि अपमान, आलोचना और हिंसा। 3. नकारात्मक ऊर्जा वाले स्थान, जैसे कि जिन स्थानों पर हिंसा या दुख की घटनाएं हुई हों। अब, भूत प्रेत के बारे में बात करते हैं। भूत प्रेत को अक्सर नकारात्मक ऊर्जा के रूप में देखा जाता है, लेकिन यह वास्तव में क्या है, इसके बारे में विभिन्न मतभेद हैं। कुछ लोगों का मानना है कि भूत प्रेत वास्तव में मृत आत्माएं हैं जो अपने जीवनकाल में किए गए कार्यों के कारण पृथ्वी पर फंस गई हैं। इन आत्माओं को अक्सर नकारात्मक ऊर्जा के रूप में देखा जाता है, क्योंकि वे अक्सर अपने जीवनकाल में किए गए कार्यों के कारण दुख और पीड़ा का अनुभव करती हैं। दूसरी ओर, कुछ लोगों का मानना है कि भूत प्रेत वास्तव में नकारात्मक ऊर...

तंत्र एक विज्ञान है

 तंत्र एक विज्ञान है । विज्ञान न राजसिक होता है न तामसिक , न सात्विक , ये मनुष्य की भेद बुद्धि है नतीजा है । रज , तम , सत ये गुण और तत्व है । इसका अर्थ ये हुआ की न अच्छा न बुरे की पारधी मे इनको नहीं रखा जा सकता है । विज्ञान को समझो उधरहण से :- नदी पर बांध बनाकर विधुत शक्ति का निर्माण किया ... अलग अलग माध्यमों का प्रयोग करके आप के घर तक पहुंचाया गया आप के घर के उपकरणो के हिसाब से आप के घर तक विधुत शक्ति का प्रभावहा किया गया । ये पूरा प्रयोग विज्ञान के अंतर्गत आता है इसमे राजसिक ,तामसिक , सात्विक कहाँ है । अब साधना के परिवेश मे समझो ...... माला रूपी टर्बाइन पर आपने मंत्र रूप पानी का प्रवाहा किया जिसे ऊर्जा उत्तपन हुई संकलप शक्ति द्वारा आप ने उसको दिशा प्रदान कर उस शक्ति का प्रयोग किया । अब ये प्रयोग आप अपने को दीप्तमान करने के लिए भी कर सकते है या भौतिक कामनाओ को पूर्ण करने के लिए .... तंत्र यही है ॥ सही तरीके से सही माध्यम से किया गया कार्य क्रिया होती है उस क्रिया के पीछे लगा सिद्धांत तंत्र होता है । बाकी आप अपने अहं को पुष्ट करने के लिए रज , सत , तम का खेल खेल सकते है  ॐ नमः ...