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दिसंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

धन्वंतरि प्रमुख डॉ रमेश पाटिल का काऊ कोलेस्टम पर gyan

 *जूम मीटिंग* *आदरणीय श्री रमेश पाटिल सर* *रात्रि 8 बजे*  *कोलेस्ट्रम ज्ञान* *20 दिसंबर 2024* *धनवंतरी का व्यापार कोलेस्ट्रम के कारण 23 राज्यों में फैल चुका है*  *ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस*  (Oxidative Stress) एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में ऑक्सीडेंट्स (Oxidants) और एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants) के बीच संतुलन बिगड़ जाता है। ऑक्सीडेंट्स वे रसायन होते हैं जो शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स वे रसायन होते हैं जो ऑक्सीडेंट्स को निष्क्रिय करने में मदद करते हैं और कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। जब ऑक्सीडेंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स के बीच संतुलन बिगड़ जाता है, तो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस होता है। यह स्थिति कई बीमारियों के लिए जिम्मेदार हो सकती है, जैसे कि: - कैंसर - मधुमेह - हृदय रोग - न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियाँ (जैसे कि अल्जाइमर और पार्किंसंस) ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के लिए, आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं: - एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे कि फल, सब्जियाँ, नट्स और बीज। - व्यायाम करें और शारीरिक गतिविधियों में भाग लें। - तना...

तंत्र और सृष्टि की उत्पति

 #तंत्र के अनुसार महाशून्य स्थित #बिंदु में इस स्पंदन से वायु प्रकट हुआ जिसने अग्नि को जन्म दिया अग्नि ने जल को तथा जल ने धरती को प्रकट किया अग्नि ही आदित्य है। वही हमारे शरीर में स्थित प्राण है। ब्रह्मांड पिरामिड आकार के स्पंदन कर रहा है। उसके विभिन्न स्तरों पर भाँति-भाँति के विश्व विराजमान हैं। हर स्तर का अपना एक निश्चित स्पंदन और चेतना है। इस महाविशाल पिरामिड के शिखर पर दश महाविद्याये रहती हैं जो ब्रह्मांड का सृजन, व्यवस्था और अवशोषण करती हैं, ये परम ब्रह्मांडीय माँ के व्यक्तित्व के ही दस पहलू हैं।  वसुगुप्त ने इस दिव्य स्पंदन पर स्पंद कारिका नामक पुस्तक में लिखा है कि काल के रेखीय क्षणों में यह अनुक्रम से स्वतंत्र रहता है लेकिन काल के विभिन्न पहलुओं में इसकी कौंध आती-जाती नज़र आती है, हालाँकि वास्तव में ऐसा नहीं होता यही माया है। शक्ति की इस महान ताक़त को सिर्फ़ तांत्रिक रहस्यवादी ही महसूस कर पाते हैं। स्पंद कारिका में इसे शक्ति-चक्र कहा गया है दैविक स्रोत से उद्भूत मातृ-शक्ति का व्यापक चक्र,  तंत्र के अनुसार सृष्टि-क्रम कुछ इस प्रकार है---- पहले परर्पिंड यानी संयोग (...

सिद्धि क्या है ! ! ! सिद्धि की देवियां

 🌺🌹🌺🌹🌺🌹🌺🌹🌺🌹🌺🌹 सिद्धि क्या है ! ! ! सिद्धि की देवियां➖ 🌺🌹🌺🌹🌺🌹🌺🌹🌺🌹🌺🌹 💥प्रणाम मित्रों ! प्राचीन काल के सारे शोध व अविष्कार तांत्रिकों व तंत्र की देन है,तरंगों की खोज से ले कर अणु परमाणु तक कि खोज तांत्रिकों की देन है-तांत्रिकों को वैज्ञानिक माना जाता था,और आज के तांत्रिकों का हाल देखिये-लो स्टैंडर्ड।आम आदमी तंत्र के नाम से भय खाता है,इसमें लोगों की गलती नही है-तंत्र के नाम पर सिर्फ जालसाजी और भ्रम ही तो फैलाया जा रहा है। 💥तंत्र विद्या शक्ति की उपासना है। यह शक्ति मानसिक है,इसलिए इसमें मानस को उसी भाव में केंद्रित करना होता है,जिसकी सिद्धि करनी होती है।विपरीत भाव का ध्यान करने से सिद्धि प्राप्त नही होती,क्योंकि तब उद्देश्य कुछ और होता है और परिश्रम दूसरी दिशा में हो जाता है।इसी प्रकार प्राचीन काल में तांत्रिकों ने शक्ति की प्रतीकात्मक देवी को कई रूपों में व्यक्त किया गया है।उनकी मूर्तियां विभिन्न स्वरूपों में बनायी गई हैं,जो मानसिक शक्ति के विभिन्न भावों को उदीप्त करती हैं। यहां उन देवियों एवं प्रतीकों के सम्बंध में आवश्यक विवरण जान लेना आवश्यक होगा।इसे जाने ब...