अपने अंदर अथाह शक्ति समाहित है
स्वयम को स्वयं से जोड़ो प्रकर्ति के संरक्षण में ध्यान लगाओ अंतर्मन की गहराई में जाओ
सभी सनातनी कथा भागवत रामायण महाभारत को सुनते हैं अन्याय अधर्म आदि बड़ने पर क्षत्रियों ने ही आगे आकर धर्म राष्ट्र रक्षा की तो उनकी ही वीरता की कथा सुनते हैं उनकी ही उपेक्षा करते हैं तो कभी धर्म राष्ट्र की रक्षा हो सकेगी कभी नहीं चिंतन अवश्य करें
सत्य को गलत साबित करना असंभव है कोई सत्य को नहीं समझे उसकी बुद्धि ,विचार और मन की समझ ,प्रमाण की कठिनता आदि का खेल समझिए
न्याय और मर्यादा की मूर्ति क्षत्रिय,चोर, ठगों, लुटेरों को कब रास आयें गे।।
सम्पूर्ण ब्रह्मांड की शक्ति को समेटे मानव पहले स्वयम को जानना अति आवश्यक तदुपरांत समाज से जुड़े स्वयम के अस्तित्व को खोकर इन निकृष्ट समाज को पा लेना मूर्खता है
इसलिए आत्मज्ञान अनिवार्य आत्मबोध अनिवार्य
ऐसे शिक्षा प्रणाली का निर्माण हो झा सबका संगर्क विकाश व आद्यत्मिक ज्ञान प्राप्त हो आत्मकल्याण कर ही मनुस्य लोककल्याण कर सकता है
ॐ परमात्मने नमः
ममहरि शरणम
🚩जय मां भवानी🚩
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