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बेल का महत्व

 आयुर्वेद में बेल महत्वपूर्ण औषधि माना गया है जो पाचन संबंधी कई बीमारियों में फायदेमंद है।  इस फल का हर हिस्सा ही सेहत के लिए के लिए गुणकारी है, बाहर से यह फल जितना ही कठोर होता है अंदर से उतना ही मुलायम और गूदेदार होता है। इसके गूदे में मौजूद बीज भी कई बीमारियों के इलाज में फायदा पहुंचाते हैं।

सेवन विधि : दो चम्मच बेल के गूदे को आधा गिलास पानी में मिलाकर बेल का जूस (bael juice) बनाएं और इस जूस का दिन में एक से दो बार सेवन करें।


किडनी के लिए फायदेमंद :

बेल का सेवन किडनी के लिए भी फायदेमंद है और यह किडनी की कार्यक्षमता को और बढ़ाती है। एक शोध के अनुसार बेल की जड़ों और पत्तियों में डायूरेटिक गुण होते हैं जो मूत्र का उत्पादन बढ़ाती हैं। यह ख़ास तौर पर वाटर रिटेंशन की समस्या से आराम दिलाने में बहुत कारगर है।


सेवन विधि : आधा चम्मच बेल की पत्तियों के चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर सेवन करें।


लीवर के लिए फायदेमंद :

ऐसा देखा गया है कि बेल की पत्तियां लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। लीवर से जुड़ी बीमारियां अक्सर तभी होती हैं जब शरीर में टॉक्सिन या हानिकारक विषैले पदार्थ बढ़ जाते हैं या किसी तरह का संक्रमण हो। शोध के अनुसार बेल (Bael in hindi) में एंटी-फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं साथ ही इसमें बीटा-कैरोटीन भी पाया जाता है जो लीवर को किसी भी तरह के संक्रमण और चोट से बचाने में मदद करते हैं।


सेवन विधि : ताजे बेल के गूदे को निकालकर रात भर के लिए पानी में भिगोकर रखें और सुबह उसे मैश करके खाएं।


स्कर्वी :

शरीर में विटामिन सी की कमी के कारण स्कर्वी रोग हो जाता है। इस रोग के कारण मसूड़ों से खून रिसने लगता है और शरीर पर चकत्ते पड़ने लगते हैं। ऐसे में बेल (Bael) का नियमित सेवन इस समस्या को काफी हद तक ठीक कर सकती है। बेल में मौजूद विटामिन सी, शरीर में इसकी कमी को दूर करती है और साथ ही इम्युनिटी पॉवर को भी मजबूत बनाती है।


सेवन विधि : आधा से एक चम्मच बेलगिरी चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर खाएं।


कान के दर्द से आराम :

बेल फल के फायदे सिर्फ पाचन तंत्र को ठीक करने तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि यह कान दर्द में भी बहुत उपयोगी हैं। कान में दर्द और कान से तरल का स्राव होना एक आम समस्या है। आयुर्वेद में ऐसा बताया गया है कि बेल के उपयोग से कान के दर्द, कान बहने और बहरेपन जैसी समस्याओं से आराम मिलता है। हालांकि कई बार कान में दर्द की समस्या किसी और वजह से भी हो सकती है। इसलिए कान से संबंधित इलाज में आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही बेल का सेवन करें।


उपयोग विधि : बिल्वादी तेल एक आयुर्वेदिक तेल है, इसकी मुख्य सामग्री बेल होती है। यह तेल कान के दर्द से आराम दिलाने में बहुत कारगर मानी जाती है। हालांकि इसका उपयोग आप चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करें। साभार जय प्रकाश ओझा Facebook 


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