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चिकित्सा विज्ञान ने पूरी की युवती की शादी की चाहत

चिकित्सा विज्ञान ने पूरी की युवती की शादी की चाहत

© फ़ोटो: Flickr.com/SarahMcD ॐ/cc-by

राधिका (परिवर्तित नाम) गुड़गांव की एक कंपनी की सीइओ हैं। तमाम सुख सुविधाएं होने के बावजूद उन्हें मलाल था कि वह शादी नहीं रचा सकती थी।

क्योंकि भगवान ने बचपन से जननांग नहीं दिया, किन्तु चिकित्सा विज्ञान ने उसकी जिंदगी की चाहत पूरी कर दी। दिल्ली स्थित एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने लेप्रोस्कोपी से दो घंटे के आपरेशन में जननांग बनाकर उसका नारित्व लौटा दिया। अब वह शादी की तैयारी में हैं। इसी महीने शहनाई भी बजने वाली है।
सनराइज अस्पताल का दावा है कि लेप्रोस्कोपी से जननांग बनाने का यह देश में पहला सफल ऑपरेशन है। अस्पताल की गायनेकोलॉजिस्ट व लेप्रोस्कोपी सर्जन डॉ. निकिता त्रेहान ने कहा कि 25 नवम्बर को उसकी शादी होने वाली है। गुड़गांव के ही एक साफ्टवेयर इंजीनियर से शादी कर रही है और वह बहुत खुश है। जब वह अस्पताल पहुंची थी तो हीन भावना से ग्रस्त थी। इसलिए दो महीने तक उसकी काउंसलिंग की गई। उसके होने वाले पति ने भी बहुत साथ दिया।
राधिका सोचती थी कि शादी के बाद पत्नी होने का फर्ज नहीं निभा पाएगी। इसके चलते मां बनने का सुख भी नहीं उठा पाएगी। पहले उसे अपने नारीत्व नहीं होने की कमी महसूस नहीं होती थी। होने वाले पति से दिल का रिश्ता जुड़ने पर एहसास हुआ कि उसके पास संपूर्ण नारित्व नहीं है। अपनी चाहत को शादी का रूप देने के लिए उसने सर्जरी कराने की ठानी।
अस्पताल के गायनेकोलॉजिस्ट व लेप्रोस्कोपी सर्जन डॉ. निकिता त्रेहान ने कहा कि उसे मायर रोकिटांस्की कुस्टर हौसेर सिंड्रोम नामक बीमारी थी। 5000 में एक महिलाओं को यह बीमारी (विकार) होती है। इसके चलते उसका गर्भाशय व जननांग नहीं था। जांच करने पर पता चला कि ओवरी सामान्य है व अंडाणु भी हेल्दी हैं। इसलिए उसे लेप्रोस्कोपी से जननांग बनाने की सलाह दी। बाद में सरोगेसी से वह मां भी बन सकती है। पिछले महीना अक्टूबर में लेप्रोस्कोपी से सर्जरी कर जननांग बनाया गया। आपरेशन के 23 घंटे बाद वह अपने घर चली गई।
ओपन सर्जरी से जननांग बनाए जाते रहे हैं, यह मरीज के लिए पीड़ादायक होती है और प्रक्रिया भी जटिल होती है। देश में लेप्रोस्कोपी से जननांग निर्माण की यह पहली सर्जरी है। sabhar http://hindi.ruvr.ru
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