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अप्रैल, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ब्रह्मांड

आज से14 वर्ष पूर्व ब्रह्मांड का कोई अस्तित्व नहीं था ब्रह्मांड एक छोटे से अधिक सघन बिंदुओं में सिमटा हुआ था अचानक एक जबरदस्त विस्फोट बिग बैंग हुआ और ब्रह्मांड अस्तित्व में आया महाविस्फोट के प्रारंभिक क्षणों में पदार्थ प्रकाश का मिलाजुला गर्म लावा तेजी से चारों तरफ बिखरने लगा कुछ ही क्षणों मेंब्रहमांड  व्यापक हो गया लगभग 400000 साल बाद पहले की गति धीरे-धीरे कुछ धीमी हुई ब्रह्मांड थोड़ा ठंड विरल हुआ और प्रकाश बिना पडार्थ से टकराये बेरोकटोक लंबी दूरी तय करने लगा और ब्रह्मांड प्रकाशमान होने लगा तब से आज तक ब्रह्मांड हजार गुना अधिक विस्तार ले चुका है ब्रह्मांड का आने वाला आने वाले समय में क्या भविष्य है सबसे महत्व प्रश्न है क्या अनंत ब्रम्हांड अनंत काल तक विस्तार लेता ही जाएगा साधांतिक दृष्टि से इस बारे में तीन तस्वीर उभरती हैं सुदूर में अदृश्य अदृश्य पदार्थ के विशिष्ट गुरुत्व बल भारी पड़ा और ब्रह्मांड के फैलने की गति धीमी हुई ब्रह्मांड के बढ़ते आकार में धीरे-धीरे पदार्थों की ताकत घटने लगी और अदृश्य ऊ र्जा रूपी विकार्षण शक्ति अपना प्रभाव जमाने लगे फलत ब्रह्मांड की  फैलने कि दर  तेज हुई अग

मनोविकृति

आज समाज में सेक्स के प्रति लेकर मनोविकृति उत्पन्न हो रही है आज का समाज बलात्कार और सामाजिक बुराइयों से पीड़ित है इसका प्रमुख कारण मनोवैज्ञानिक है आज बलात्कार हिंसा हत्या के पीछे मनोविज्ञान का ही कारण कार्य करता है इसमें व्यक्ति के पीछे इसमें छिपी हुई उसकी इच्छा दमन भी कारण है समाज में विभिन्न प्रकार के संचार माध्यम उपलब्ध है इसका दुरुपयोग हो रहा है इसके माध्यम से सामाजिक मनोवृति को बिगाड़ने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं आज आर्थिक युग में पैसे को सबसे बड़ा मानते हुए सामाजिक हित अनहित का ध्यान ना रखते हुए समाज में मनोरोग फैलाया जा रहा है अवचेतन मन में पिक्चर और नेट के माध्यम से मनोविकृति पैदा की जा रही है जो कि स्वस्थ समाज का लक्षण नहीं है अपने मनो रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है प्रमुख कारण संचार माध्यम ही है स्वास्थ्य काम होकर कुंठित सेक्स उत्पन्न ना हो रहा है इससे समाज में मनोविकृति फैल रही है जो कि उपचार से ही दूर की जा सकती है के लिए बड़े पैमाने पर मनोचिकित्सक की आवश्यकता है पहले समाज को धार्मिक गुरुओं के द्वारा निर्देश दिया जाता था पर आज के गुरु स्वयं भ्रमित ह