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जनवरी, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पानी के भंडार वाले ग्रह की ख़ोज

वैगानिको ने पृथ्वी जैसे ग्रह की ख़ोज की है इस ग्रह को जीजे १२१४ बी नाम दिया गया है यह ग्रह पृथ्वी से बड़ा है और एक दूसरे सौर मंडल में मिला है सबसे खास बात यह है की इस ग्रह पर पानी का भंडार है यहाँ पानी भी थोडा नहीं बल्कि आधे से अधिक ग्रह पर पानी ही पानी मोजूद है यह ग्रह पृथ्वी से करीब ४२ प्रकास वरस करीब १३ लाख मील दूर है यह अपने सूर्य से बहूत करीब है इसके चलते इसकी सतह का तापमान २०० डिगरी सेलासियास है लेकिन इस सौर मंडल का सूर्य उतना गरम नहीं है जितना हमारे सौर मंडल का इस ग्रह का व्यास पृथ्वी से 2.7 गुना अधिक है यह ग्रह अपने सूर्या का चक्कर मात्र ३८ hours में पूरा कर लेता है जबकी यह ग्रह जिस कक्षा में परिक्रमा करता है उसकी लम्बाई एक वर्ष है इस ग्रह पर जीवन के समभावना नहीं है यहाँ तापमान ज्यादे है

camputar की खोज

हाल में प़मूख अमेरिकी कमपनी आ ई बी ऍम ने अनेको प्रोसेसर युक्त एक ऐसा तीव्र्व कम्पूटर बिकसीत किया है जो ब्रेन की तरह सोच

मंगल के बारे में

मंगल ग्रह पर जल और जीवन के तलास के परयासो के बीच वैज्ञानिको के एक दल ने यहाँ पर प्राचीन झीले ख़ोजने का दावा किया है उनका कहना है की इस ग्रह पर कभी झीले थी और उसमे कभी जीवन था यह जीवन सूछ्म जैविक अवस्था में था इस दल का नेत्रत्व भारतीय मूल के वैज्ञानिक संजीव गुप्ता कर रहे है वैज्ञानिको ने मार्स रिकोनैन्सेंस आर्बीटर से मिली तस्बीरो की फोरेंसिक जाच के बाद यह दावा किया सैतैलाईत के द्वारा खीचे गयी गयी तस्वीरों से पता चलता है मंगल की भूमध्य रेखा पर करीब २० किलोमीटर चौरी झील थी जो प्रथ्वी पर मौजूद

विज्ञानं का vikash

आक्सफोर्ड में टेक्नालाजी कन्र्फारेंस में प्रोफ्फेसर हेनरी अपनी परियोजना के बारे में बताया की २०१८ तक समझदार और सम्बेदंसील दिमाग क्रितीम रूप से तैयार कर लेगे एक ऐसा मस्तिस्क जो की सिलिकन सोना और ताबे का बना होगा
आदुनिक मानव के पूर्वज होमोसपेयांस को अपने विकाश काल में प्रकृति के प्रतिकूलता का सामना करना पड़ा उसे भोजन जुटाने तथा जलवावुगत परिवर्तनों से बचने के लिए कदा संगर्ष करना पड़ा उससे हिंसक पशु उसके जान के दुश्मन बने हुए थे किन्तु इन सबके बिरुद्ध परिस्तितियो का सामना आदि मानव ने बड़े साहस के साथ किया