वो दिन दूर नहीं जब हम और आप अंतरिक्ष में सैर के लिए जाएंगे. वजह है अंतरिक्ष यान का आसानी से उपलब्ध होना. एक निजी कंपनी ने पहली बार आसमान में अपना निजी रॉकेट छोडने की पहल की है.
अमेरिका के कैलिफोर्निया की इस कंपनी का नाम है स्पेस एक्स. इस कंपनी की शनिवार को अपना निजी रॉकेट अंतरिक्ष के लिए रवाना करने की योजना थी, लेकिन उसे अंतिम समय में मोटर में तकनीकी समस्या के कारण रोक दिया गया है. इतिहास में ये पहली बार है जब कोई निजी कंपनी अपना रॉकेट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र आईएसएस के लिए रवाना कर रही है. हालांकि ये टेस्ट उड़ान है. लेकिन कहा जा रहा है कि इसकी सफलता या असफलता से अमेरिका के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर काफी असर पड़ेगा. चालीस साल में यह पहला मौका है जब यान भेजने का ठेका गैर सरकारी कंपनी को मिला है.
राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार जॉन हाल्ड्रेन इसे नासा का एक और व्यापारिक अभियान मानते हैं. गौरतलब है कि इस अभियान में नासा की ओर से भी पैसा लगाया गया है. अभियान में नासा ने 38 करोड़ डॉलर खर्च किया है जबकि कंपनी की ओर से 1 अरब डॉलर का खर्चा किया गया है.
नासा के स्पेस स्टेशन कार्यक्रम के मैनेजर माइक सफ्रैदिनी का कहना है कि हमें इस तरह की टेस्ट उड़ान की सफलता या असफलता को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं होना चाहिए. परीक्षण उड़ानों का परिणाम कई बार योजना के मुताबिक नहीं होता. कंपनी के मालिक एलन मस्क भी मानते हैं कि इसमें दुर्घटना की संभावना होती है.
दो दिन की नियोजित उड़ान के बाद जब रॉकेट अंतरिक्ष केन्द्र के नजदीक पहुंच जाएगा तो इसके कैप्स्यूल ड्रैगन को अभ्यास गतिविधियां करने के लिए कहा जाएगा ताकि बाद में उसे आईएसएस में जुड़ने का निर्देश दिया जा सके. इसके बाद इसमें लदा करीब आधा टन खाद्य पदार्थ उतारा जाएगा. हालांकि अंतरिक्ष में इंसान भेजने की क्षमता स्पेस एक्स और कुछ दूसरी कंपनियां हासिल कर चुकी थी. यही वजह है कि अमेरिकी कांग्रेस में बहुत से लोगों ने इस कंपनी को मदद दिए जाने का विरोध भी किया है. डच अंतरिक्ष यात्री एंड्रे कुइपर्स का कहना है कि ये एक नये युग की शुरूआत है.
sabhar : dw.de
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