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2012 की सबसे बड़ी खोज ‘गॉड पार्टिकल’, जानिए इस साल की टॉप 10 खोज

लंदन. साइंस मैगजीन ने वर्ष 2012 की 10 सबसे बड़ी खोज की सूची जारी की है। इसमें हिग्स बोसोन की खोज शीर्ष स्थान पर रही है। वैज्ञानिक पिछले 4 दशकों से ‘गॉड पार्टिकल’  की तलाश में थे। यह है 2012 की टॉप-10 उपलब्धियां-
हिग्स बोसोन

जुलाई 2012 में यूरोपीय न्यूक्लीयर रिसर्च टीम ने जिनेवा के सर्न में घोषणा की कि उन्होंने एक ऐसे कण को खोज लिया है जो ‘गॉड पार्टिकल’ की अवधारणा पर खरा उतरता है। वैज्ञानिकों ने उस पार्टिकल की खोज में स्विस-फ्रांस बॉर्डर पर दुनिया की सबसे बड़ी एटम स्मेशिंग मशीन स्थापित की। साइंस न्यूज जर्नलिस्ट एड्रियन चो ने लिखा- बोसोन ने ही अंतरिक्ष में विद्यमान‘हिग्स फील्ड’ के जरिए तत्वों को घनत्व प्रदान किया। घनत्व के बिना ब्रह्मांड की अस्तित्व नामुमकिन है।



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डेनिसोवान जीन

विलुप्त मानव प्रजाति ‘डेनिसोवांस’ के डीएनए ब्लूप्रिंट के सीक्वेंस को खोजना। ये 41 हजार साल पहले साइबेरिया में रहते थे।

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स्टेम सेल से अंडा बनाना

जापानी रिसर्चर ने चूहे के एंब्रायोनिक स्टेम सेल से अंडे का निर्माण किया। जिससे नए चूहे की उत्पत्ति हुई। भविष्य में नि:संतान दंपत्ति के लिए वरदान साबित होगी।

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मेजोराना फर्मिनोस

हर तत्व में पाया जाने वाला एक ऐसा तत्व जो अपने मूल तत्व से हटकर व्यवहार करता है जो वस्तु के साथ होने वाली क्रिया का बिलकुल हटकर व्यवहार दर्शाता है। इस तत्व को लेकर गत 7 दशकों से बहस छिड़ी हुई थी।





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एक्स रे से प्रोटीन खोज

सामान्य स्रोत से एक अरब गुना तेज चमकीली एक्स-रे से अफ्रीकन स्लीपिंग सिकनेस पैदा करने वाले एंजाइम की खोज। इस बीमारी से हर साल 30 हजार लोग मरते हैं।


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जीनोम टूल टेलेन

ट्रांसक्रिप्शन एक्टिवेटर लाइक इफेक्टर न्यूक्लियस(टेलेन), जो बीमार जीव के शरीर से स्वस्थ्य व्यक्ति में आने वाले जीन और सेल का पहचान करता है। जिससे पशु-पक्षियों से इंसानों में आने वाली बीमारियों की रोका जा सकेगा।



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क्यूरोसिटी लैंडिंग

नासा के क्यूरोसिटी रोवर के लैंडिंग सिस्टम को पांचवें स्थान पर रखा गया। अमेरिका के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत, 3.3 टन के रोवर की लैंडिंग।

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एनकोड प्रोजेक्ट

एक दशक की स्टडी के रिजल्ट के मुताबिक मानवीय जीनोम वैज्ञानिकों की सोच से अधिक 80 प्रतिशत सक्रिय पाया गया है जो नई संभावनाएं विकसित करेंगी।



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न्यूट्रीनो मिक्सिंग

चीन के वैज्ञानिकों ने डाया बे रिएक्टर न्यूक्लीयर एक्सपेरीमेंट के जरिए न्यूट्रीनो को प्रकाश की रफ्तार से गति कराकर एकरूप बनाने में कामयाबी हासिल की है।

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ब्रेन मशीन इंटरफेस

दिमाग की न्यूरल रिकॉर्डिग के जरिए कम्प्यूटर स्क्रीन पर कर्सर नियंत्रण कर दिखाया। लकवाग्रस्त व्यक्ति मैकेनिकल हाथ को दिमाग से कई दिशाओं में घुमा सकता है। इसे भविष्य में स्पाइनल चोट और अन्य मामलों में प्रयोग संभव होगा। sabhar : bhaskar.com



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