वैज्ञानिकों ने विश्व के सबसे पतले इलेक्ट्रिक जेनरेटर का किया एक्सपेरिमेंट
पीटीआई, न्यू यॉर्क
अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि उन्होंने सबसे दुबला जेनरेटर विकसित किया है, जो देखने में ट्रांसपैरेंट, बेहद हल्का, मोड़ा जा सकनेवाला और खींचकर लंबा किए जा सकने की क्षमता से लैस होगा। कोलंबिया इंजीनियरिंग ऐंड जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के रिसर्चर्स ने इसे पीजोइलेक्ट्रिसिटी नाम दिया है और पहली बार इसका एक्सपेरिमेंटल ऑब्जर्वेशन किया है। ये कमाल है मॉलेब्डेनम डाइसल्फाइड (MoS2) का। वैज्ञानिकों ने इसे एटॉमिक रूप से बेहद पतले मैटीरियल में डाला और इसका पीजोट्रॉनिक इफेक्ट देखा। वैज्ञानिकों ने पाया कि ये एक विशेष तरह के इलेक्ट्रिक जनरेटर की तरह काम कर रहा है। रिसर्चर्स ने पावर प्रोडक्शन कर इसका डिमॉन्सट्रेशन भी किया।
क्या है पीजोइलेक्ट्रिक इफेक्ट
एक खास बात और इस जेनरेटर में कि पीजोइलेक्ट्रिक इफेक्ट को इससे पहले केवल थिऑरिटिकली ही समझा गया था। पीजोइलेक्ट्रिसिटी एक ऐसा इफेक्ट है, जिसमें किसी मैटीरियल को खींचने या दबाने से बिजली पैदा होती है। इस प्रयोग से मॉलेब्डेनम डाइसल्फाइड की खासियत का भी पता चला, जिसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में भी यूज किया जा सकता है। कोलंबिया इंजीनियरिंग के प्रफेसर जेम्स होन ने बताया कि चूंकि ये मैटीरियल काफी हलका है, ऐसे में इसे वियरेबल डिवाइस भी बनाया जा सकता है, जो आपके शरीर की ऊर्जा को बिजली में बदल देगा, जिससे आप अपना मोबाइल चार्ज करने जैसे तमाम काम कर सकेंगे।
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