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आज की जानकारी पीपल, पाकड़, बरगद और गूलर के बीजों के द्वारा पौधा उगाने के विधि के विषय में-


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#क्या आप लोगों ने कभी पीपल, पाकड़, बरगद और गूलर के बीजों से पौधा उगाकर पौधारोपड़ कियें है।

Bhartiya Van-upvan  भारतीय वन-उपवन ग्रुप में बहुत लोगों की मान्यता है कि पीपल, पाकड़ , बरगद के पेड़ रोपित नहीं किए जाते हैं, वो अपने आप ही उगते है क्योंकि अनेकों पक्षियों के द्वारा इन वृक्षों के फलों को खाने के कारण पेट में ही पीपल, पाकड़, बरगद और गूलर के बीज़ पोषित होते है और उन पक्षियों के बिष्ट या मल के प्रसार के कारण ही इधर उधर उगते हैं।

#और इस तरह से उगने वाले पौधों में ये मान्यता कुछ ग़लत नहीं है बिल्कुल सही है।

#लेकिन जिस तरह से इस पृथ्वी पर हम मानव गतिविधियों के द्वारा निरंतर खत्म हो रहे जीवनदायिनी जंगलों एवं वृक्षों के पर बात करें तो पीपल पाकड़ और बरगद के वृक्षों को उगने के लिए पक्षियों के बिष्ट या मल पर निर्भर नहीं रहना चाहिए अब समय आ गया है कि इन वृक्षों को बीज से उगाकर अधिकतम पौधारोपण करने की।

#तो आइए जानते हैं कि पीपल पाकड़ और बरगद के बीजों से पौधे कैसे उगाएं और यह हमारा पर्सनल एक्सपीरियंस है-

#सबसे पहले तो हमें इन पीपल पाकड़ बरगद और गूलर के वृक्षों के नीचे जाकर इनके बीजों को थोड़ी अधिक मात्रा में इकट्ठा करना होगा इसके बाद चाहें तो उन सभी बीजों को रात को पानी में भिगो दीजिए।

#सुबह हम लोगों को अपने अगल बगल ऐसा स्थान ढूंढना है जहां देशी खाद एवं मिट्टी का छोटा मोटा ढेर हो और वहां हमेशा अच्छी खासी नमी बनी रहे और उस पर सारा बीज डाल दीजिए। अब हमको कुछ नहीं करना है सिर्फ मिट्टी, देशी खाद एवं बीज के ढेर पर प्रतिदिन पानी का फुवारा देते रहिए कुछ10-20 दिन के अन्दर सारा बीज उगने लगेगा।

#यह बीजों से उगाने का कार्य अगर हम बरसात में करें तो सबसे अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा और हमें प्रतिदिन पानी का फुवारा नहीं देना पड़ेगा।

यह कार्य आप चाहें तो अपने गमले में भी कर सकते हैं कोई भी दिक्कत नहीं आयेगी।

#इन बीजों के मिट्टी एवं देशी खाद के ढेर पर छोटे छोटे पौधे उगने के बाद उन्हें उखाड़कर पालीबैग थैला में सिफ्ट करके पालन-पोषण कीजिए और बड़ा होने पर कहीं भी पौधारोपण कीजिए।

#नोट- अगर बरसात का समय हो तो इन बीजों को हम कहीं कूड़ा-करकट, देशी खाद, एवं उपजाऊ मिट्टी के ढेर पर इकट्ठा 6-7 किलो बीज फेंक दे तो भी आसानी से उग जायेगा।

#आप सभी सम्मानित एवं प्रतिष्ठित ग्रुप के लोगों को पृथ्वी पर कम हो रहें जीवनदायिनी वृक्षों की जनसंख्या बढ़ाने के लिए इस पर कार्य जरूर करना चाहिए क्योंकि सबसे अधिक आक्सीजन देने वालों वृक्षों में से एक हैं ये सब।

#यह जानकारी इसलिए भी कि आजकल प्राइवेट नर्सरी में पीपल,पाकड़, बरगद और गूलर का रेट लगभग 60 से 70 रूपये के बीच में है जो आम जनमानस को खरीद कर लगाने के लिए बहुत ही मंहगा है। यह कार्य करके हम पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं और हमारा परम कर्तव्य भी होना चाहिए पर्यावरण संरक्षण।

फोटो का स्थान- कचहरी परिसर अकबरपुर।

फोटो का दिनांक- 30 सितंबर 2023। sabhar facebook.com 

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