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अदृश्य` पदार्थ चलाएगा आपका कंप्यूटर

 न्यूयार्क : कंप्यूटर की तकनीक वाले इस युग में चीजें नित सूक्ष्म से सूक्ष्मतर होती जा रही हैं, तथा वैज्ञानिकों के अनुसार आने वाला समय तथाकथित अतिसूक्ष्म `मेटामटीरियल्स` का होगा। किसी पदार्थ को अदृश्य करने के लिए प्रकाश तरंगों की प्रकृति को परिवर्तित कर देने वाले ये मेटामटीरियल्स कंप्यूटर के कार्य भी कर सकते हैं। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, मेटामटीरियल्स आने वाली प्रकाश की तरंगों के आकार को इस तरह परिवर्तित कर सकते हैं, जिनका प्रभाव कंप्यूटर द्वारा किए जाने वाले गणना के समान ही होता है। अमेरिका के पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रवक्ता नाडेर एंगटा ने बताया, "जैसे ही प्रकाश इस पदार्थ से होकर बाहर आता है, प्रकाश की तरंगों का आकार इस तरह का हो जाता है कि वह गणितीय परिणाम देने वाला हो जाता है।" शोधकर्ताओं का कहना है कि यह प्रौद्योगिकी चित्रों के साथ कंप्यूटर पर काम करने जैसी प्रक्रियाओं को गति प्रदान कर सकता है। यह शोधपत्र `साइंस` नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। एंगटा ने बताया कि यह प्रौद्योगिकी जटिल गणनाओं में भी सहायक हो सकता है। भविष्य में मेटमट...

अब खुद ही रिपेयर हो जाएंगे डैमेज दांत

  । ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक ईजाद की है, जिससे दांत की सड़न के बाद ड्रिलिंग और फीलिंग जैसे झमेलों से छुटकारा मिल सकता है   अब खुद ही रिपेयर हो जाएंगे डैमेज दांत अब खुद ही रिपेयर हो जाएंगे डैमेज दांत लंदन। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक ईजाद की है, जिससे दांत की सड़न के बाद ड्रिलिंग और फीलिंग जैसे झमेलों से छुटकारा मिल सकता है। हर साल दुनियाभर में करीब 2.3 बिलियन लोगों को दांतों की समस्या से जूझना पड़ता है।    ब्रिटिश रिसर्चरों ने एक ऐसी तकनीक का आविष्कार किया है, जिससे सड़े हुए कैविटी वाले दांत अब खुद-बखुद रिपेयर हो जाएंगे। यह शोध लंदन के किंग्स कॉलेज में किया गया, जहां इस नेचरल रिपेयर के लिए इलेक्ट्रिकल करंट का इस्तेमाल किया गया।   इस ट्रीटमेंट की खोज करने वाले वैज्ञानिकों की मानें तो यह अनोखा ट्रीटमेंट तीन वर्षों के भीतर आम लोगों तक पहुंच जाएगा। इस ट्रीटमेंट को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले स्टेप में दांत के बाहरी लेवल इनामेल पर मौजूद सडऩ को हटाया जाता है। दूसरे स्टेप में डैमेज दांत के भीतरी हिस्से में हल्के से इलेक्ट्रिक करंट की मदद से...

2023 में शीर्ष एसएमबी प्रौद्योगिकी रुझान

 एसएमबी उन आईटी समाधानों में निवेश करेंगे जो नवाचार को बढ़ावा देते हैं; और नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने से बिक्री चैनल बदल जाएंगे।" कोविड-19 ने छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों (एसएमबी) के आईटी-संबंधित दृष्टिकोण और खरीद व्यवहार को प्रभावित किया है। एनालिसिस मेसन एसएमबी पारिस्थितिकी तंत्र को ट्रैक करना जारी रखता है और यहां 2023 में एसएमबी प्रौद्योगिकी रुझानों के लिए हमारी शीर्ष भविष्यवाणियां हैं। विक्रेता और ऑपरेटर अपनी एसएमबी रणनीतियों के पुनर्मूल्यांकन और परिष्कृत करने में मदद के लिए इनका उपयोग कर सकते हैं। प्रारंभिक अपनाने वाले' एसएमबी आईटी खर्च को बढ़ाएंगे जैसे-जैसे एसएमबी अपनी डिजिटल परिवर्तन पहलों में तेजी ला रहे हैं, विशेष रूप से महामारी के बाद के रुझानों से प्रेरित, 'शुरुआती अपनाने वालों' का वर्ग दुनिया भर में 145 मिलियन एसएमबी के लगभग 10% से बढ़कर लगभग 15% होने की उम्मीद है। ये वे एसएमबी हैं जिन्होंने आम तौर पर आधुनिक तकनीकों को अपनाया है और नई सुविधाओं और उत्पाद सेटों का परीक्षण किया है और परिणामस्वरूप, आईटी पर औसत से अधिक खर्च किया है। बढ़ती ऊर्जा लागत एसएमबी ...

2023 के लिए शीर्ष 18 नई प्रौद्योगिकी रुझान

प्रौद्योगिकी आज तीव्र गति से विकसित हो रही है, तेजी से परिवर्तन और प्रगति को सक्षम कर रही है,  विषयसूची शीर्ष नई प्रौद्योगिकी रुझान1. कंप्यूटिंग शक्ति 2. स्मार्ट डिवाइस 3. डेटाफिकेशन 4. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंगऔर देखें प्रौद्योगिकी आज तीव्र गति से विकसित हो रही है, तेजी से परिवर्तन और प्रगति को सक्षम कर रही है, जिससे परिवर्तन की दर में तेजी आ रही है। हालाँकि, यह केवल प्रौद्योगिकी रुझान और उभरती हुई प्रौद्योगिकियाँ ही नहीं हैं जो विकसित हो रही हैं, इस वर्ष COVID-19 के प्रकोप के कारण बहुत कुछ बदल गया है, जिससे आईटी पेशेवरों को एहसास हुआ कि कल संपर्क रहित दुनिया में उनकी भूमिका समान नहीं रहेगी। और 2023-24 में एक आईटी पेशेवर लगातार सीखता रहेगा, सीखता रहेगा, और पुनः सीखता रहेगा शीर्ष नई प्रौद्योगिकी रुझान (इच्छा से नहीं तो आवश्यकता से)। प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण और मशीन सीखने की प्रगति के साथ 2023 में कृत्रिम बुद्धिमत्ता अधिक प्रचलित हो जाएगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमें बेहतर ढंग से समझ सकता है और इस तकनीक का उपयोग करके अधिक जटिल कार्य कर सकता है। ऐसा अनुमान है कि ...

स्विच बदलते हैं चेहरे की बनावट

 वैज्ञानिकों ने अलग-अलग लोगों के चेहरों में अंतर पाए जाने के कारणों को समझने में आरंभिक सफलता प्राप्त कर ली है. चूहों पर हुए अध्ययन में वैज्ञानिकों को डीएनए में मौजूद हज़ारों ऐसे छोटे-छोटे हिस्सों का पता चला है जो चेहरे की बनावट के विकास में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. शोधपत्रिका साइंस में छपे इस शोध से चेहरे में आने वाली जन्मजात विकृतियों का कारण समझने में भी मदद मिल सकती है.इस शोध में यह भी पता चला कि आनुवांशिक सामग्री में परिवर्तन चेहरे की बनावट में बहुत बारीक़ अंतर ला सकते हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि यह प्रयोग जानवरों पर किया गया है, लेकिन पूरी संभावना है कि मनुष्य के चेहरे का विकास भी इसी तरह होता है. कैलीफोर्निया स्थित लॉरेंस बर्कले नेशनल लैबोरेटरी के ज्वाइंट जीनोम इंस्टीट्यूट के प्रोफ़ेसर एक्सेल वाइसेल ने बीबीसी से कहा, "हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि चेहरे की बनावट के निर्माण के निर्देश मनुष्यों के डीएनए में कैसे मौजूद होते हैं. इन डीएनए में ही कहीं न कहीं हमारे चेहरे की बनावट का राज़ छिपा है." स्विच बदलते हैं चेहरे की बनावट

मानव क्लोनिंग की ओर एक और कदम

मानव क्लोनिंग की ओर एक और कदम  अमरीकी वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने मानव क्लोनिंग विधि का इस्तेमाल कर एक शुरुआती भ्रूण तैयार किया है जिसे चिकित्सा क्षेत्र में "एक बड़ी कामयाबी" माना जा रहा है. क्लोन किए गए भ्रूण को स्टेम सेल के स्रोत के तौर पर इस्तेमाल किया गया जिससे हृदय की नई मांसपेशी, हड्डी, मस्तिष्क के ऊतक और शरीर की अन्य कोशिकाएं तैयार की जा सकती हैं. 'सेल' जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में उन्हीं विधियों को प्रयोग में लाया गया जिनसे 1996 में ब्रिटेन में पहली क्लोन भेड़ डॉली तैयार की गई थी. हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि स्टेम सेल्स के लिए अन्य स्रोत भी हो सकते हैं जो अधिक आसान, सस्ते और कम विवादित हों. वहीं आलोचकों ने मानवीय भ्रूणों पर प्रयोग को अनैतिक बताते हुए इस पर प्रतिबंध की मांग की है. स्टेम सेल से उम्मीदें स्टेम सेल पर चिकित्सा जगत की बड़ी उम्मीदें टिकी हैं. दरअसल नए ऊतक बनाने में सक्षम होने पर दिल के दौरे से होने वाली क्षति को ठीक किया जा सकता है या फिर क्षतिग्रस्त रीढ़ की हड्डी को दुरुस्त किया जा सकता है. ऐसे कुछ प्रयोग पहले से हो रहे हैं जिनमें दान ...

चैटबॉट के लिए 90 फ़ीसदी स्टाफ़ की छंटनी, फ़ैसले पर सवालों में घिरे भारतीय कंपनी के सीईओ

वोडाफोन 11,000 कर्मचारियों को दिखाएगी बाहर का रास्ता, कंपनी के सीईओ ने बताया प्लान   रोज़गार के संकट वाले माहौल में जब किसी कंपनी के सीईओ फर्म के 90 फ़ीसदी स्टाफ़ को नौकरी से निकाल दें और उसकी जगह पर एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस चैटबॉट को काम पर लगा दें तो प्रतिक्रिया आना स्वाभाविक है. जाहिर है कि इसकी आलोचना होगी और ये हो रही है. भारत की स्टार्टअप दुनिया में इन दिनों 'दुकान' के फाउंडर सुमित शाह इसलिए सुर्खियों में हैं. इतना ही नहीं सुमित शाह ने तो ट्विटर पर ये एलान भी कर दिया कि चैटबॉट से उनके ग्राहकों को मिलने वाले जवाब जल्दी मिलने लगे हैं और इसमें वक़्त भी पहले से कम लग रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ये घटना ऐसे समय में हुई है जब इस बात को लेकर बहस हो रही है कि लोगों की नौकरियां आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की वजह से खतरे में हैं, ख़ासकर सर्विस इंडस्ट्री में. सुमित शाह ने कई ट्वीट्स किए हैं जिसमें उन्होंने चैटबॉट इस्तेमाल करने के कंपनी के फ़ैसले के बारे में लिखा है. हालांकि उन्होंने छंटनी के फ़ैसले को 'मुश्किल' बताया और कहा कि ये 'ज़रूरी' था. उन्होंने लिखा है, "अ...