अफ्रीकी देशों में इबोला महामारी के बढ़ते संकट के बीच जापान ने कहा है कि उसने इबोला का इलाज ढूंढ निकाला है और विश्व स्वास्थ्य संगठन की मांग पर दवाएं मुहैया कराने के लिए तैयार है.

जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिहिदे सूगा ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि कंपनी फुजीफिल्म होल्डिंग्स कॉरपोरेशन की एक शाखा ने इंफ्लुएंजा की दवा तैयार की है, जिसे इबोला के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. फैवीपीरावीर नाम की इस दवा को मार्च में ही जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी थी.
फुजीफिल्म के प्रवक्ता ताकाओ आओकी ने बताया कि इबोला और इंफ्लुएंजा एक ही तरह के वायरस से फैलते हैं, इसलिए दोनों वायरस पर इस दवा का असर दिख सकता है. उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला में चूहों पर टेस्ट किए जा चुके हैं और नतीजे सकारात्मक रहे हैं.
कंपनी का कहना है कि उसके पास 20,000 मरीजों के लिए दवा मौजूद है और वह डब्ल्यूएचओ के जवाब का इंतजार कर रही है. साथ ही कंपनी अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के साथ भी संपर्क साधे हुए है. फुजीफिल्म का कहना है कि डब्ल्यूएचओ के जवाब से पहले अगर लोगों ने निजी तौर पर दवा की मांग शुरू की, तो वह उसके लिए भी तैयार है.
हाल ही में अमेरिका में जेडमैप नाम की दवा से दो लोगों का इलाज हुआ है. इस दवा को सैन डिएगो मैप नाम की कंपनी ने विकसित किया है और यह अभी भी प्रयोग के स्तर पर ही इस्तेमाल की जा रही है. इसी तरह की कई दवाएं दुनिया भर में विकसित की जा रही हैं और इबोला के मामले में डब्ल्यूएचओ का कहना है कि लोगों की जान बचाने के लिए किसी भी तरह की एक्सपेरिमेंटल दवा का इस्तेमाल नैतिक है.
अफ्रीका में इबोला का प्रकोप सबसे ज्यादा देखा जा रहा है. इस साल यह खतरनाक वायरस 1,400 लोगों की जान ले चुका है.
आईबी/एमजे (एएफपी)
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