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क्या केवल सेक्स से ही बंधे रह सकते हैं स्त्री और पुरुष

L "क्या केवल सेक्स से ही बंधे रह सकते हैं स्त्री और पुरुष?" सेक्स यह शब्द सुनते ही बहुत से लोगों के मन में या तो एक तीव्र आकर्षण उत्पन्न होता है या फिर एक प्रकार का झिझक और संकोच। भारतीय समाज में यह विषय आज भी पूरी तरह से खुलकर नहीं बोला जाता, लेकिन यह मानवीय अस्तित्व का एक स्वाभाविक और आवश्यक हिस्सा है। परंतु जब यह प्रश्न उठता है कि क्या केवल सेक्स के आधार पर कोई संबंध टिक सकता है, या क्या एक महिला और पुरुष सिर्फ सेक्स के कारण ही जीवनभर एक-दूसरे से बंधे रह सकते हैं, तब यह मुद्दा केवल शारीरिक नहीं रह जाता यह मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और यहां तक कि आत्मिक स्तर तक पहुंच जाता है। मानव मनोविज्ञान की गहराई में उतरें तो यह स्पष्ट होता है कि सेक्स, रिश्तों का एक अभिन्न अंग ज़रूर हो सकता है, लेकिन यह रिश्ता बनाए रखने का इकलौता आधार नहीं हो सकता। शुरूआती आकर्षण चाहे जितना भी तीव्र क्यों न हो, समय के साथ उसका असर फीका पड़ता है। यह एक प्रकार का रसायन है, जो संबंध की शुरुआत में बहुत प्रभावशाली होता है, परंतु समय के साथ इसके प्रभाव को बनाए रखने के लिए भावनात्मक समझ, आपसी आदर और मानसिक सा...