{{{ॐ}}}
#
प्राण क्या है जिस अन्न को हम खाते है वह पेट मे चला जाता है वहाँ पर नाभि में रहने वाली जठराग्नि उसे पत्ती है और चन्द घण्टों के अन्दर उस अन्न कि स्थल भाग मल मुत्र पसीने इत्यादि के द्वारा बाहर चला जाता है ।
और उसका वास्तविक तत्व भीतर ही रह जाता है उसी जठराग्नि के द्वारा शक्ति के रूप मे बदल जाता है
और प्राण वही स्रोतों द्वारा शरीर के सारे अंगो मे प्रवाहित होता रहता है ।
साधारण लोग प्राण को वायु कहते है क्योंकि हवा हमारे जीवन के लिए सबसे आवश्यक है इसलिए अगर हम उसे प्राण के नाम से पुकारने लगे तो भी कोई बुराई नही है ।
परन्तु प्राण उस शक्ति का नाम है जो हमे जीवन देती है इसी को हम जीवन शक्ति कहते है ।
जीवन शक्ति का बहुत बडा भण्डार इस ब्रह्माण्ड की चोटी पर है वहाँ से सीधी ब्रहारंध्र के शरीर मे प्रवेश हो अपने अपने केन्द्र पर इकट्ठा होती है ।
इसको सुरति,कुण्डलिनीशक्ति और आघाशक्ति इत्यादि कहते है ।
मुख्य प्राण शक्ति इसी का नाम है। यह जीवन शक्ति ब्रह्माण्ड से जब शरीर मे उतरती है तो वह चोटी के स्थान से प्रवेश हो उसके एक इंच नीचे अपना एक केन्द्र बनाती है।
फिर वहाँ से चलकर मस्तिष्क मे कई स्थानों पर ठहरती हुई यौगिक तक आती है।नाडियो की संख्या ऋषियों ने बहत्तर लाख बतलाई है।
इन नाड़ियों में तीन नाड़ी मुख्य मानी जाती है जिनके नाम इडा़ पिंगला और सुषुम्ना यह तीनो मस्तिष्क ये केन्द्र से निकल कर मेरूदंड मे गुथी हुई नीचे गुदा के स्थान तक चली गई है
और वहाँ मिल कर तीनो एक ग्रन्थि की शक्ल मे आ गई है ।
आगे इनका बहाव रूक जाता है और इनके भीतर से अनेकों छोटी छोटी मीडिया नीचे वालों पर चली गयी है।
साधारण स्थित मे प्राणका बहाव इड़ा व पिंगला मे ही रहता है ।
योग व साधना करने पर कुण्डलिनी की धार सुषुम्ना मे आ जाती है ।
पिंगला मे प्राण जाने पर ह्रदय व इन्द्रियों मे रजोगुणी प्रभाव उठ खड़ा होता है।
और इडा़ मे बहाव होने पर तमोगुणी आच्छादित हो जाता है ।
पिंगला का नाम सुर्यनाडी़ और इडा़ का नाम चन्द्र नाड़ी है
यह नाड़ी विद्वानों के अनुसार नील वर्ण की है।
यहाँ बीज अक्षर ,र, है जिसका वाहन ,मेढा,है प्रधान तत्व अग्नि है अग्नि वायु मिलकर मेढे़ की चाल चलके ,र, शब्द पैदा करती है। यह चक्र त्रिकोण है यहाँ दस दलों से, ड ,से ,फ, तक वर्णमाला के दस अक्षर निकलते है ।यहा चैतन्य अधिष्ठाता विष्णु और अधिष्ठात्री शक्ति वैष्णवी के नाम से जानी जाती है । sabhar Facebook wall sakti upasak agyani
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
vigyan ke naye samachar ke liye dekhe