लेखक:
Akhilesh pal blog
मचीना ऐसी जैकेट बना रही हैं जिससे संगीत पैदा किया जा सके
चेन्नई में इंजीनियरिंग छात्राओं ने छेड़खानी करने वालों को क्लिक करेंकरंट मारने वाले अंतर्वस्त्रबनाए तो ज़्यादातर लोगों को पहली बार पता चला कि तकनीक का इस्तेमाल कपड़ों में कितने काम का हो सकता है.
लेकिन दुनिया भर में पहनने योग्य तकनीक को लेकर कई तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं.
कंपनी की सह संस्थापक लिंडा मचीना कहती हैं, “हम एक कार्यक्रम में गए और देखा कि एक व्यक्ति सिर्फ़ कंप्यूटर से संगीत बजा रहा था.”कैलिफ़ोर्निया की एक नई कंपनी मचीना मेक्सिकन कारीगरों का इस्तेमाल कर एक ऐसी जैकेट तैयार कर रही हैं जो संगीत पैदा कर सके.
व कहती हैं, “हमने सोचा कि ऐसी चीज़ बनाई जाए जिससे संगीतकार अपने शरीर का इस्तेमाल कर ही संगीत पैदा कर सके.“
जैकेट से संगीत
उनकी जैकेट में कपड़ों के नीचे चार लचीले सेंसर हैं. एक एक्सलेरोमीटर मीटर है जो आपकी बांह की हरकत को भांप लेता है. एक जॉयस्टिक है और चार दबाने वाले बटन हैं.
पहनने वाले की ज़रूरत के अनुसार सेंसर और बटन जैसे चाहे लगाए जा सकते हैं. यह एक इंटरफ़ेस सॉफ्टवेयर से कंप्यूटर या मोबाइल फ़ोन से जुड़े होते हैं.
मचीना कहती हैं, “यह शुरुआती स्तर पर है. हम एक किराए का स्टोर भी बना रहे हैं जो यूज़र्स को अपने निजी प्राथमिकताएं और अपने कार्यक्रम अपलोग करने की सुविधा देगा.
मचीना के अनुसार, “अगर आप इसे अपने आईपॉड को नियंत्रित करने, वीडियो मिक्स करने के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं तो अतिरिक्त सेंसर जोड़िए या फिर ऐसी ‘हरकत’ को किराए पर ले लीजिए, जिससे आप यह कर पाएं.”
वह यह भी कहती हैं, “हमारे सारे कोड मुफ़्त में उपलब्ध होंगे.”
कंपनी इसमें कुछ और बदलाव करने की सोच रही है. जैकेट के इस साल के अंत तक तैयार होने की उम्मीद है.
महसूस कीजिए आवाज़
सुनने से लाचार लोगों को मदद करेगी यह जैकेट
संगीत पैदा करने वाली जैकेट शायद ही सुनने से लाचार लोगों को आकर्षित कर पाए. लेकिन उनके लिए एक दूसरा अविष्कार भी है.
फ़्लटर नाम की ड्रेस को कोलोरेडो विश्वविद्यालय की पीएचडी छात्रा हैली प्रोफ़िटा ने ईजाद किया है.
वह बताती हैं, “इस ड्रेस में माइक्रोफ़ोन का एक जाल है जो आवाज़ों को सुनता है. ये सूक्ष्म नियंत्रण प्रणाली से जुड़े होते हैं जो यह तय करती हैं कि आवाज़ किस दिशा से आई थी.”
“एक बार यह तय कर लेती है कि आवाज़ किस दिशा से आई थी तो वह कंपन के माध्यम से सूचना दे देती है. अगर आपको पीछे देखना है तो ऐसा लगेगा कि कोई पीछे से आपके कंधे को थपथपा रहा है.”
इसका अहसास वैसा ही होता है जैसा मोबाइल फ़ोन के कंपन का.
वो कहती हैं, “इसके पहले हमने ऐसे उत्पाद बनाए जिन्हें लोग इसलिए पहनना नहीं चाहते क्योंकि वह ख़राब दिखते हैं और वह व्यक्ति की अक्षमता की ओर ध्यान खींचते हैं.”
प्रोफ़िटा पहने जाने योग्य तकनीक को लेकर बेहद उत्साहित हैं. वो कहते हैं कि यह न सिर्फ़ पहनने वाले का जीवन स्तर बेहतर बनाते हैं बल्कि इन्हें सुंदर भी बनाया जा सकता है.
फ़्लटर अभी शोध के स्तर पर ही है. प्रोफ़िटा को उम्मीद है कि जल्दी ही इसका इंसानों पर प्रयोग किया जा सकेगा.
भविष्य के डिज़ाइनों में इसमें सुनने के उपकरण भी शामिल किए जा सकते हैं.
जैकेट बताएगी अपना पता
एशर लेवाइन अपने महंगे कपड़ों में ब्लूटूथ लगा रहे हैं
और आखिर में चर्चा उस प्रयोग की जिसके ज़रिए कपड़ें ही आपको ढूंढने या संपर्क करने की क्षमता रखेंगे.
एशर लेवाइन न्यूयॉर्क फ़ैशन हाउस के मालिक हैं. वो लेडी गागा, बियोन्स, ब्लैक आइड पीज़ जैसे संगीत स्टारों के कपड़े डिज़ाइन करते हैं.
वो भी अपने काम में तकनीक का समावेश करना पसंद करते हैं. अपने 2012 फ़ॉल/विंटर कलेक्शन में उन्होंने मेकरबोट के साथ मिलकर थ्रीडी-प्रिंटिड ग्लासेस पेश किए थे.
ब्लूटूथ के इस्तेमाल के लिए इस साल, 2013, में उन्होंने एक नई कंपनी फ़ोन हालो से हाथ मिलाया है.
एशर कहते हैं, “मेरे कई दस्ताने खो चुके हैं. इसलिए मैं अपने बेहतरीन उत्पाद में इसे लगाने के पक्ष में हूं. क्योंकि कई बार हमारे उत्पाद इतने महंगे होते हैं कि कपड़ों पर बहुत सा पैसा खर्च करने वालों को भी यह महंगे लगते हैं.”
अगर आप चिप लगी वस्तु से दूर जाते हैं तो एशर का ‘ट्रैकआर ऐप’ अलार्म बजा देता है. अगर आप इसके बाद भी अपने पसंदीदा जैकेट को छोड़ जाते हैं तो यह आपको एक टेक्स्ट मैसेज, ईमेल या फ़ेसबुक मैसेज भेज देता है. इसमें सामान के जीपीएस कॉर्डिनेट्स होते हैं जिनके आधार पर आप गूगल मैप से अपना सामान ढूंढ सकते हैं. sabhar : bbc.co.uk
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