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इंसानों में सिर्फ 8.2% DNA ही ऐक्टिव


Only 8.2 per cent of human DNA is 'functional'

लंदन
इंसानों में डीएनए का सिर्फ 8.2 पर्सेंट हिस्सा ही ऐक्टिव और फंक्शनल होता है। ह्यूमन डीएनए से रिलेटेड यह चौंकाने वाली जानकारी ऑक्सफर्ड युनिवर्सिटी के एक रिसर्च के बाद सामने आई है।

2012 में साइंटिस्टों के बताए आंकड़े से यह पूरी तरह डिफरेंट है। पहले बताया गया था कि ह्यूमन बॉडी में 80 पर्सेंट डीएनए ऐक्टिव और फंक्शनल होता है।

आंकड़ों को साबित करने के लिए ऑक्सफर्ड की टीम ने टेस्ट किया कि मैमल्स के 100 मिलियन से भी ज्यादा सालों के जांच के दौरान ऐसे कितने डीएनए हैं, जिनमें बदलाव देखने को नहीं मिला। इसका मतलब यह है कि ऐसे डीएनए महत्वपूर्ण हैं और इनका कोई न कोई रोल जरूर होगा। 



डीएनए क्या है? डीएनए यानी डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड। मानव समेत सभी जीव में अनुवांशिक (जेनेटिक) गुण इसी के जरिए आता है। मनुष्य के शरीर की लगभग हर कोशिका (सेल) में समान डीएनए मौजूद होते हैं।

ज्यादातर डीएनए कोशिका के न्यूक्लियस में उपस्थित होते हैं जिन्हें न्यूक्लियर डीएनए कहा जाता है। कुछ डीएनए माइटोकॉन्ड्रिया में भी होते हैं जिन्हें माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए कहते हैं।

डीएनए में इन्फर्मेशन 4 केमिकल्स (बेस) के कोड मैप के रूप में होती हैं - एडेनिन, गुआनिन, साइटोसिन और थायमिन। मानव डीएनए करीब 3 बिलियन बेस से बना होता है। इनमें से 99 पर्सेंट बेस सभी लोगों में समान होते हैं। किसी क्रिएचर का रूप क्या होगा यह इन बेस या केमिकल्स की सीक्वेंस पर निर्भर करता है।

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