सीएसए और आईआईटी ने मिल कर बनाया क्रॉप ट्रीटमेंट इक्विपमेंट नाम का

 


खेतों में खड़ी फसलों में होने वाली डिसीज को लेकर प्रोडक्शन घटने से फार्मर्स को परेशान होने की जरूरत नहीं है. चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) और आईआईटी कानपुर ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो कि खेत में खड़ा होकर फसलों में होने वाले रोगों को बताएगा साथ ही हल्का-फुल्का रोग होने पर दवा का छिड़काव भी कर देगा. सेंट्रल गवर्नमेंट से इस रोबोट को पेटेंट सर्टिफिकेट भी मिल गया है..


कीमत 25 लाख से ऊपर


• सीएसए के प्लांट पैथोलॉजी डिपार्टमेंट से के साइंटिस्ट डॉ. एसके बिस्वास, आईआईटी के डॉ. अनिरुद्ध भट्टाचार्य, डॉ. विशाख भट्टाचार्य और डॉ. महेंद्र कुमार गोहिल ने टीम के साथ मिल कर जिस रोबोट को तैयार किया है, उसका नाम शस्य उपचार यंत्र (क्रॉप ट्रीटमेंट इक्विपमेंट) रखा गया है. साइंटिस्ट और टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट की ओर बनाए गए रोबोट की कीमत 25 लाख से ऊपर हो सकती है. हालांकि कीमत को लेकर अभी तक कोई ऑफिशियल डिक्लेरेशन नहीं किया गया है. ऐसे में यह रोबोट रिच फॉर्मर्स और एफपीओ के लिए उपयोगी साबित होगा. एफपीओ के जरिए इस रोबोट, का उपयोग छोटे फार्मर भी कर सकेंगे.


● सीएसए के खेतों में चल रहा क्रॉप ट्रीटमेंट इक्विपमेंट रोबोट का ट्रायल.


रोबोट को एक खेत में इस्टैबलिश किया जाएगा, जिसके बाद यह खेतों में इंसान की तरह घुमेगा


आलू, टमाटर की फसल...


यह रोबोट आलू और टमाटर की क्रॉप में पौधों की कैनोपी, टेंपरेचर, ह्यूमिडीटी, और डिसीज के सिस्टम्स को पहचानने के बाद उसके मैनेजमेंट का काम करेंगा. सीएसए के डॉ.


दवा का छिड़काव भी करेगा रोबोट बीमारी की इंफार्मेशन देने के साथ साथ छोटी-मोटी डिसीज का ट्रीटमेंट भी खुद ही कर देगा. रोबोट में टंकी लगी है, जिसमें आर्गेनिक पेस्टीसाइड (जीवामृत, घनामृत, ट्राइकोडर्मा) आदि भरा होगा. डिसीज का पता लगने पर बीमारी अनुसार स्वयं ही पौधे पर पेस्टीसाइड का छिड़काव हो जाएगा. रोबोट की मेमोरी की पड़ताल करने पर डिसीज पता भी चल जाएगी.


ऐसे काम करेगा रोबोट


रोबोट में सेंसर और कैमरे लगे हुए हैं, वह पौधों में डिसीज को M आईडेंटिफाई मो में डिसीज का नाम और फोटो सेव कर लेगा


• इसके बाद आपके पास मोबाइल में डिसीज के होने का मैसेज आएगा या फिर आप स्वयं भी मेमोरी को कर सकते हैं


| एआई, एमएल पर काम


यह रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) पर काम करेगा. इसमें आलू और टमाटर में लगने वाली डिसीज और उनके सिम्टम्स को सेव किया गया है, जिसको वह एआई के जरिए आईडेंटिफाई करता है. उसके बाद दवा का छिड़काव मशीन लर्निंग के. जरिए होता है. भविष्य में यह रोबोट आधुनिक खेती को बढ़ावा देने में बहुत हेल्पफुल साबित होगा.


बिस्वास ने बताया कि इस रोबोट से फार्मर क्रॉप में सीरियस डिसीज के • नुकसान पहचानने के पहले उसका मैनेजमेंट कर सकेंगे.


डिसीज की प्री इंफॉर्मेशन


उन्होंने यह भी बताया कि रोबोट फ्यूचर में होने वाली डिसीज की


पॉसिबिलिटीज पर वार्निंग भी देने का काम करेगा. डिसीज की प्री इंफार्मेशन मिलने से उसका मैनेजमेंट आर्गेनिक मैथड से हो सकेगा, आर्गेनिक मैनेजमेंट होने की वजह से मनुष्यों पर केमिकल्स का साइड इफेक्ट नहीं होगा. यह इस ... आधुनिक रोबोट का एक बेहद इंपार्टेंट फैक्टर है.

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