एक ऐसी दुनिया की कल्पना कीजिए जसे कार को अणु दर अणु असेम्बल किया जाता है और लोगों का ऑपरेशन कोशिका के आकार के रोबोट द्वारा किया जाता है। वे मानव मस्तिष्क की फैटेसी और साइंस फिक्शन का हिस्सा लग सकता है। लेकिन हम ऐसी सूक्ष्म मशीन बनाने के करीब पहुंच चुके हैं जो का निर्माण आणविक स्तर पर होगा की मदद से हम आणविक आकार के कंप्यूटर और रोबोट बनाने में सफल होगे, जिनकी मदद से कई आविष्कार करने में सफल होंगे।
क्या है नैनोटेक्नोलॉजी ?
नैनोटेक्नोलॉजी की सर्वप्रथम परिकल्पना 1959 में नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिकविद रिचर्ड फेनमैन ने अपने देयर इज प्लेन्टी ऑफ रूम एट द बॉटम नामक भाषण में की थी तब फेनमैन ने प्रतिपादित किया था कि पारंपरिक आकार की रोबोट भुजाओं से खुद की अनुकृति तैयार कराई जाए जिसका आकार मौलिक रोबोट भुजा से 1/10 हो। तत्पश्चात इन नई निर्मित रोबोट भुजाओं से तब तक सूक्ष्म से सूक्ष्मतर रोबोट भुजाओं का निर्माण किया जाये जब तक वे आणविक आकार की न हो जाएं। यदि हमारे पास ऐसी करोड़ों व अरबो आणविक रोबोट भुजाएँ हो जाएं तो उन्हें प्रोग्राम करके एक अकेले अणु से विशाल आकार के उत्पाद तैयार कर सकते हैं। इसे उन्होंने बॉटम अप मैन्यूफैक्चरिंग टेक्नीक का नाम दिया था।
1980 के दशक के दौरान एम आई टी के इंजीनियर के. इटिक ड्रेक्सलेर ने इंजन्स ऑफ क्रिएशन नामक पुस्तक का प्रकाशन किया जिसमें आणविक नैनोटेक्नोलॉजी की संकल्पना प्रस्तुत की गई थी।
नैनोटेक्नोलॉजी नामकरण 1976 में जापान के वैज्ञानिक नोरिया ताजी ने किया था जो लंबाई की एक यूनिट है। यह एक इंच के एक अरब हिस्से के बराबर होता है। एक से लेकर सौ नैनोमीटर को नैनोमेन कहा जाता है। एक नैनोमीटर एक मीटर का एक करोड़वाँ भाग होता है।
नैनोटेक्नोलॉजी किस तरीके से काम करती है? जब किसी पदार्थ में परमाणु स्तर पर फेरबदल किया
जाता है तो उसके प्रकाशिक, चुंबकीय, विद्युतीय व अन्य गुणधमों में परिवर्तन हो जाता है। इतने छोटे पदार्थ के लिए सरफेस टु वॉल्यूम अनुपात महत्वपूर्ण होता है तथा ज्यादातर अणु परातल में आकर पदार्थ को हाइपर एक्टिव बनाते है। इस प्रभाव से पदार्थ की रासायनिक क्रियाशीलता बदलती है, जिसके कारण बेहतर गुणवत्ता वाले नवीन उत्प्रेरक, मिश्र धातुएं व कंपोजिट पदार्थ उत्पन्न किए जा सकते है। नैनोमैटेरियल बेहद हल्के, मजबूत पारदर्शी और अपने मूल पदार्थ से पूर्णतया भिन्न होते हैं। नैनोटेक्नोलॉजी से बने पदार्थ का आकार
भविष्य की संभावनाएं
नैनोटेक्नोलॉजी की अन्य संभावनाओं में स विनिर्माण प्रक्रिया शामिल है। इसमें ऐसे पदार्थ संभावना निहित है जो जीव प्रणाली की नकल करें व अभी तक के अधिक अनुप्रयोगों का उद्देश्यों उपल वृद्धि करना रहा है। हल्की व कम ईंधन खपत वाली कोशिश जारी है। प्रदूषकों को निति करने वाले घोल को विकसित करने का प्रयास जारी है जिसे जब तो वे सौर ऊर्जा का भंडारण कर सकें।
राइस यूनीवर्सिटी, संय अमेरिका के रिचर्ड की खोज की थी. का कहना है कि मोद विद्युत संप्रेषण के लिए किया जा सकता है। जा डॉट्स और नैनो मशीन का प्रयोग विभिन्न रोगों के किया जा सकता है।
मानव के बाल के 50 हजार हिस्से के बराबर होता
क्या है फायदे की संभावनाएं ?
नैनोटेक्नोलॉजी निम्न क्षेत्रों में फायदेमंद सिद्ध हो
मैन्यूफैक्चरिंग
प्रिसीजन मैन्यूफैक्चरिंग
मैटेरियल रियूज
मिनीएचराइजेशन
1 मेडिसिन
फार्मास्युटिकल्स रोग निवारण
नैनोमशीन असाइड सर्जरी
पर्यावरण
टोक्सिन क्लीनअप रिसाइकिलिंग
मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में मैनोटेक्नोलॉजी की साथ ही मेडिकल व पर्यावरण के क्षेत्र में भी इस नैनोमशीनों की सहायता से हम फार्मास्युटिकल्स डिजाइन व संश्लेषित कर सकते हैं। इसकी सहाय इलाज संभव है। इसकी सहायता से हम बीमार व्या देखभाल कर सकते हैं। साथ ही नॅनोटेक्नोलॉजी आसानी से ऑपरेट कर सकती है जहाँ डॉक्टर आर सकते हैं। पर्यावरण के क्षेत्र में हम नैनोमशीनों की तेल रिसाव की समस्या से आसानी से निपट सकते
नैनोटेक्नोलॉजी के संभावित खतरे
नैनोटेक्नोलॉजी का दूसरा पहलू भी है जो हमें त
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