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शिव शक्ति के अमिट दिव्य प्रेम ऊर्जा

 स्त्री पुरुष के मद्य ब्लेम गेम की कला भारत मे कब से ज्यादा विकसित हुई...🤔

जब दोनों गैर जिम्मेदार हुए ,,बेहोश मन इंद्रियों के गुलाम हुए


इससे सर्वाधिक हानि बृक्ष की शाखाओं की हुई  बोया किसी और का काटेगा कोई और... ये हुआ आपका कार्मिक अकाउंट,,दुष्कर्म, विवाह सामाजिक व्यवस्था थी इसका उल्लंघन करने पर क्षणिक दंड भुगतान है किंतु श्रष्टि का तो सन्तुलन का नियम है


 शिव शक्ति के अमिट दिव्य प्रेम ऊर्जा को समझने हेतु चिंतन की आवस्यकता है,,विशुद्ध सात्विक मन की आवस्यकता है,, शिव व सती के पुनर्मिलन की कहानी रोचक लगती है किंतु सती के कठोर तप व साधना दृढ़ संकल्प की स्कक्ति परीक्षण श्रष्टि में मानव रूप में देनी पड़ी 

दिव्य आत्माओं का पदार्पण दुर्लभ है जटिलताओं से होकर गुजरना पड़ता है

माता पार्वती सफल हुई अंततः शिव पार्वती के विवाह की समस्त रस्मो से ही विवाह भारतीय 16 संस्कार में एक उत्तम व श्रेस्ठ संस्कार है जिसे ग्रहस्थ आश्रम नाम दिया हमारे ऋषि महाऋषियों ने


आज कल आश्रम का ही ज्ञान नहि विसंगतियां उतपन्न हो गयी विवाह संस्कार को खेल समझ लिया पशुवत आचरण मनोरंजन किया और छोड़ दिया


हालात तब बुरे बनते है जब दोनों गैर जिम्मेदार हो क्योंकी अंधे में काना चल जाता है

साभार ऋतु सिंह सिसोदिया 

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