अंतरग्रहीय सुरछा सम्मलेन में शामिल अन्त्रिछाविदों के सामने पृथ्वी के नजदीकी पिंडों को पहिचानने उनपर निगरानी रखने और उन्हें दूर हटाने की चुनौती सामने आयी इस सम्मलेन का आयोजन विनाशकारी अंतरिछ्य टक्करों के खतरों को कम करने अंतरास्त्रिय प्रयाश हुए नासा के नेतृत्व में आयोजीत सम्मलेन में संसार के अंतरिछ्य संगठनो ने भाग लिये यह खतरा उलका जैसे अकासीय पिंडों से है यदि बड़े आकर के उलका पिंड टकरा गए तो समूची मानव प्रजाती ही खतरे में पड़ सकती है साडे छे कड़ोड़ वर्ष पहीले धरती से डायनासोरो का नामोनिसान मिट गया सम्मलेन में अपोसिस नामक एक विशालकाय उलका पिंड पर विचार हुआ जो वर्ष २०२९ में के निकट से गुजरेगा तथा ७ वर्ष बाद यही पिंड पृथ्वी के निकट पहूंचेगा i
वैज्ञानिकों को इंडोनेशियाई वर्षावन के अंदरूनी हिस्सों में एक ऐसा मेंढक मिला है जो अंडे देने के बजाय सीधे बच्चे को जन्म देता है. एशिया में मेंढकों की एक खास प्रजाति 'लिम्नोनेक्टेस लार्वीपार्टस' की खोज कुछ दशक पहले इंडोनेशियाई रिसर्चर जोको इस्कांदर ने की थी. वैज्ञानिकों को लगता था कि यह मेंढक अंडों की जगह सीधे टैडपोल पैदा कर सकता है, लेकिन किसी ने भी इनमें प्रजनन की प्रक्रिया को देखा नहीं था. पहली बार रिसर्चरों को एक ऐसा मेंढक मिला है जिसमें मादा ने अंडे नहीं बल्कि सीधे टैडपोल को जन्म दिया. मेंढक के जीवन चक्र में सबसे पहले अंडों के निषेचित होने के बाद उससे टैडपोल निकलते हैं जो कि एक पूर्ण विकसित मेंढक बनने तक की प्रक्रिया में पहली अवस्था है. टैडपोल का शरीर अर्धविकसित दिखाई देता है. इसके सबूत तब मिले जब बर्कले की कैलिफोर्निया यूनीवर्सिटी के रिसर्चर जिम मैकग्वायर इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप के वर्षावन में मेंढकों के प्रजनन संबंधी व्यवहार पर रिसर्च कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें यह खास मेंढक मिला जिसे पहले वह नर समझ रहे थे. गौर से देखने पर पता चला कि वह एक मादा मेंढक है, जिसके...
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