नैनो तकनीक का संबंद अत्यंत सूछ्म स्तर एक मीटर का अरबवा हिस्सा नैनो मीटर हाइड्रोजन के एक परमाणु के आकार के दश गुना होता है के स्तर पर तकनीक का निर्माण किया जाई इसके सहयोग से हम अगले पाच दसक में इसका प्रयोग करके अणुओं और परमाणुओं को जोड़कर इसी स्तर पर टेलीफोन कार हवाई जहाज मिजाइल अंतरिछ्यान कम्पूटर सभी कुछ मनचाहे पदार्थ द्वारा किसी भी आकार प्रकार में बना पाएंगे इसकी मदद से कैंसर एड्स मदुमेह और अन्य बिमारीयों पर विजय प्राप्त कर सकते है इसके द्वारा बीमारियों का प्रारम्भिक अवस्था में पता लगकरशीघ्र उपचार कर सकते हैं इसके माद्यम से क्रितीम अंग बनाये जा सकते हैं अब यह प्रश्न उठताहै की यह कैसे होगा किसी भी पदार्थ को परमाणुविक पैमाने नैनो स्केल पर नियंत्रित ढंग से जोड़ तोड़ कर अपने इच्छानुसार परावर्तित करने की विद्या का नाम है नैनो टेक्नालोजी है इसी के द्वारा नैनो असेम्बलार्स की रचना करके जो नैनो रेपलीकेटर का कार्य करें इच्छित बस्तु के परमाणुओं से बनाया जा सकता है परमाणुओं की प्रतिलिपी तैयार करके किसी भी इच्छित बस्तु को बनाया जा सकेगा क्योंकी सभी पदार्थ परमाणुओं से बने हैं यहाँ तक मानव शरीर भी लगभग चालीस साल पहले रिचर्ड्स फिन मेयन ने इस अवधारण का सुझाव दिया और १९७४ नारीयोतानी गुची ने इसका नामकरण किया १९९० में आ इ बी ऍम के अनुसन्धान करता एटोमिक फोर्ष माइक्रोस्कोपिक यन्त्र द्वारा जेनान तत्व के ३५ परमाणुओं को निकेल के क्रिस्ताल पर एक एक कर के ब्वास्थीत कर आई बी यम शब्द लिखने में सफलता पाई है नासा के वैज्ञानिकों ने १९९७ में सुपर कम्पूटर के द्वारा बेंजीन के अणुओं को कार्बन के परमाणुओं से बने किसी सामान्य अणु के आकारके अति सूछ्म नयनों टयूब के बाहरी सतह पर जौड़ कर आणविक आकार के यन्त्र निर्माण के मिथ्यभासी अनुरूपण का दावा किया है भविष्य में इसका उपयोग मैटर कम्पाइलर जैसे अति सूछ्म यन्त्र के निर्माण में हो सकता हैं इन मशीनो को कम्पूटर द्वारा प्रोग्राम करके प्राकृतिक गैस जैसे कचे माल के परमाणुओं को एक एक कर फिर से ब्यवस्थित कर किसी मशीन या उसके बड़े हिसे को निर्मित किया जासकता है इस तकनीक के shहेतु
वैज्ञानिकों को इंडोनेशियाई वर्षावन के अंदरूनी हिस्सों में एक ऐसा मेंढक मिला है जो अंडे देने के बजाय सीधे बच्चे को जन्म देता है. एशिया में मेंढकों की एक खास प्रजाति 'लिम्नोनेक्टेस लार्वीपार्टस' की खोज कुछ दशक पहले इंडोनेशियाई रिसर्चर जोको इस्कांदर ने की थी. वैज्ञानिकों को लगता था कि यह मेंढक अंडों की जगह सीधे टैडपोल पैदा कर सकता है, लेकिन किसी ने भी इनमें प्रजनन की प्रक्रिया को देखा नहीं था. पहली बार रिसर्चरों को एक ऐसा मेंढक मिला है जिसमें मादा ने अंडे नहीं बल्कि सीधे टैडपोल को जन्म दिया. मेंढक के जीवन चक्र में सबसे पहले अंडों के निषेचित होने के बाद उससे टैडपोल निकलते हैं जो कि एक पूर्ण विकसित मेंढक बनने तक की प्रक्रिया में पहली अवस्था है. टैडपोल का शरीर अर्धविकसित दिखाई देता है. इसके सबूत तब मिले जब बर्कले की कैलिफोर्निया यूनीवर्सिटी के रिसर्चर जिम मैकग्वायर इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप के वर्षावन में मेंढकों के प्रजनन संबंधी व्यवहार पर रिसर्च कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें यह खास मेंढक मिला जिसे पहले वह नर समझ रहे थे. गौर से देखने पर पता चला कि वह एक मादा मेंढक है, जिसके...
अच्छी जानकारी. धन्यवाद. आपका नाम जान सकती हूं क्या?
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