अंतरिछ्य यात्राओं निजी अंतरिछ्य यानों के जरिए कई कम्पनियाँ अंतरिछ्य अभियानों से जुड़ने की कोसिस कर रही है स्पेश एडवेंचर नामक अंतरिछ्य पर्यटन कंपनी जो की विश्व के प्रथम अंतरिछ्य पर्यटक डेनिश टीटो को अंतरास्तीय स्पेश स्टेसन की सैर कराने के लिए जानी गयी यह पर्यटकों को अंतरिछ्य एवं चाँद पर ले जाने का मन बना चुकी है तथा रिचर्ड ब्राऊन की वर्जीन गैलेक्टिक ५०० यात्रियों कोप्रतिवर्ष ले जाने का मन बना रही है लेकीन इसमे खर्चा ४०० करोड़ रूपया या १०० मीलियन डालर आयेगा जो की काफी महँगा है यदि आने वाले वर्षों में स्पेश शटल जैसे अंतरिछ्य वाहन जिन्हें पुनः इस्तमाल में लाया जा सकता है आने वाले १५ से २० वर्षों में विकसीत कर लिए जायेंगे जो की काफी सस्ता होगा जैसे जैसे अंतरिछ्य में भीड़ बड़ती जायेगी विभिन्य ग्रहों पर आवास की जरूरत पड़ेगी अमेरिकी अंतरिछ्य एजेंसी नासा ने ऐसे लोगों से प्रार्थना पत्र लेना शुरू कर दिया है जो चाँद पर तथा अंतरिछ्य स्पेश स्टेसन पर रहकर कार्य करे अभी तक रूकने का यही मात्र जगह है आने वाले दिनों में बहूत सी कम्पनियाँ अंतरिछ्य में इस तरह के आवास स्थापित करने की योजना बना रही हैं होटल व्योसाय से जुड़े राबर्ट विगेलो के स्वमित्य वाला सन डांसर नामक अंतरिछ्या कच्छा में स्थापित होने की उम्मीद है इसके अलावा नाटिलस नामक दूसरा आवास इसके बाद बन कर तैयार होगा अंतरिछ्यमें उद्योगीक इकाइयां भी स्थापित होंगी हीलियम -३ को ऊर्जा के रूप में प्रयोग में लासकते हैं नासा आजकल स्पेश अवीलेटर (सीडी) बनाने की परियोजना पर कार्य कर रहा है जीसमे १००००० किमी लम्बे केबिल का प्रयोग होगा इस यन्त्र का पृथ्वी की तरफ वाला सिरा एक तैरने वाले प्लेटफार्म से जोड़ा होगा जो समुद्र के बीच में स्थित होगा जबकी दूसरा सिरा अंतरिछ्य में चक्कर लगाने वाली बस्तु से ज्वाइंट होगा भारत के चंद्रयान -१ से पता लगा है की चाँद पर पानी है इसके लिए नासा ने भी kahaa है चाँद पर रहने के लिए तकनीक का सहारा लेते हुए बेलनाकार आवास शैवाल तथा सुक्छ्म जीवों की विकसीत होने के लिए वातावरण तैयार करना होगा
वैज्ञानिकों को इंडोनेशियाई वर्षावन के अंदरूनी हिस्सों में एक ऐसा मेंढक मिला है जो अंडे देने के बजाय सीधे बच्चे को जन्म देता है. एशिया में मेंढकों की एक खास प्रजाति 'लिम्नोनेक्टेस लार्वीपार्टस' की खोज कुछ दशक पहले इंडोनेशियाई रिसर्चर जोको इस्कांदर ने की थी. वैज्ञानिकों को लगता था कि यह मेंढक अंडों की जगह सीधे टैडपोल पैदा कर सकता है, लेकिन किसी ने भी इनमें प्रजनन की प्रक्रिया को देखा नहीं था. पहली बार रिसर्चरों को एक ऐसा मेंढक मिला है जिसमें मादा ने अंडे नहीं बल्कि सीधे टैडपोल को जन्म दिया. मेंढक के जीवन चक्र में सबसे पहले अंडों के निषेचित होने के बाद उससे टैडपोल निकलते हैं जो कि एक पूर्ण विकसित मेंढक बनने तक की प्रक्रिया में पहली अवस्था है. टैडपोल का शरीर अर्धविकसित दिखाई देता है. इसके सबूत तब मिले जब बर्कले की कैलिफोर्निया यूनीवर्सिटी के रिसर्चर जिम मैकग्वायर इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप के वर्षावन में मेंढकों के प्रजनन संबंधी व्यवहार पर रिसर्च कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें यह खास मेंढक मिला जिसे पहले वह नर समझ रहे थे. गौर से देखने पर पता चला कि वह एक मादा मेंढक है, जिसके...
यहाँ पहुँचते ही मेरी भावनाओं को चाँद की धरती मिल गई......आपने तकनीकी हल जो दिया
जवाब देंहटाएंApke blog ko padkar maine b astrological ke bare me thoda jana. Dhanyabad------
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिखा है आपने! अच्छी जानकारी प्राप्त हुई आपके पोस्ट के दौरान! बहुत बहुत धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंमुझे तो ये वैज्ञानिक शोध दिशाहीन लगते हैं...खर्च इस बात पर होना चाहिए कि धरती के गरीब से गरीब आदमी का जीव किस प्रकार बेहतर हो..हम धरती पर मच्छर तो खत्म नहीं कर सके चले अंतरिक्ष की सैर करने..! ये साधन-संपन्न लोग दीन-हीन मानव की भलाई के लिए यह धन क्यों नहीं खर्च करते!
जवाब देंहटाएंmujhe to bahut saarthak lagi ye post hame kitna kuchh sikha rahi hai ,shukriyaan is kadam par ,happy holi
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