। जर्मनी के गुटनबर्ग में 12 जून से 15 जून तक यूरोपियन ह्यूमन जेनेटिक्स कांफ्रेंस 2010 सम्पन्न हुई थी इस कांफ्रेंस में बोस्टन विश्वविद्यालय के प्रो. पाओला सेविस्टियनी द्वारा प्रस्तुत शोध में बताया गया था कि स्वस्थ मनुष्य की जीवन शैली व वातावरण के आधार पर आयु 80 वर्ष होती है। इससे अधिक जीवित रहने का कारण जीन्स में निहित होता है। प्रो. पाओला ने अधिक उम्र वाले लोगों के डीएनए स्कैनिंग टेक्नोलॉजी के जरिये दर्शाया। उन्होंने बताया है कि मानव शरीर में 30 करोड़ (300 मिलियन) जींस में से 150 जींस इससे संबंधित होते हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है । 110 साल से अधिक उम्र वाले व्यक्ति एक करोड़ में एक होते हैं। जिनमें से 85 से 90 फीसदी महिलायें होती हैं ।
वैज्ञानिकों को इंडोनेशियाई वर्षावन के अंदरूनी हिस्सों में एक ऐसा मेंढक मिला है जो अंडे देने के बजाय सीधे बच्चे को जन्म देता है. एशिया में मेंढकों की एक खास प्रजाति 'लिम्नोनेक्टेस लार्वीपार्टस' की खोज कुछ दशक पहले इंडोनेशियाई रिसर्चर जोको इस्कांदर ने की थी. वैज्ञानिकों को लगता था कि यह मेंढक अंडों की जगह सीधे टैडपोल पैदा कर सकता है, लेकिन किसी ने भी इनमें प्रजनन की प्रक्रिया को देखा नहीं था. पहली बार रिसर्चरों को एक ऐसा मेंढक मिला है जिसमें मादा ने अंडे नहीं बल्कि सीधे टैडपोल को जन्म दिया. मेंढक के जीवन चक्र में सबसे पहले अंडों के निषेचित होने के बाद उससे टैडपोल निकलते हैं जो कि एक पूर्ण विकसित मेंढक बनने तक की प्रक्रिया में पहली अवस्था है. टैडपोल का शरीर अर्धविकसित दिखाई देता है. इसके सबूत तब मिले जब बर्कले की कैलिफोर्निया यूनीवर्सिटी के रिसर्चर जिम मैकग्वायर इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप के वर्षावन में मेंढकों के प्रजनन संबंधी व्यवहार पर रिसर्च कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें यह खास मेंढक मिला जिसे पहले वह नर समझ रहे थे. गौर से देखने पर पता चला कि वह एक मादा मेंढक है, जिसके...
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