जीने के लिए सर्वभक्षी बनना होगा
संयुक्त राष्ट्र संघ का खाद्य एवं कृषि संगठन (एफ.ए.ओ.) इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि मानवजाति को भुखमरी से बचने के लिए सर्वभक्षी बनना होगा| इस संगठन के विशेषज्ञों का कहना है कि कीट-पतंगे ही भविष्य में मनुष्य का प्रमुख आहार होंगे| पिछले कई दशकों से संसार खाद्य-पदार्थों की कमी को लेकर चिंतित है| कृषि-उत्पादन में ऐसी “आनुवंशिक-संशोधित” किस्मों के, जिन पर किसी तरह के हानिकारक कीटों और रोगों का कोई प्रभाव नहीं पडता, उपयोग को लेकर बहुत वाद-विवाद होता रहा है| अब हवा के एक नया रुख चला है| एफ.ए.ओ. के विशेषज्ञों का कहना है कि प्रोटीन का पृथ्वी पर एक प्रचुर स्रोत है जिसकी ओर लोगों ने ध्यान नहीं दिया है – ये हैं कीट-पतंगे| इनका पालन कृषि की एक प्रमुख शाखा बन सकता है| आज तो ऐसी बातें कपोल-कल्पना ही लगती हैं, किंतु ये जीवन का यथार्थ बन सकती हैं, रूसी आयुर्विज्ञान अकादमी के आहार संस्थान के डायरेक्टर विक्टर तुतेल्यान कहते हैं: “हमें सदा आहार के नए स्रोतों की, नई टेक्नोलोजी की खोज करते रहना चाहिए| आहार की समस्या विकासशील देशों की ही नहीं, सारी मानवजाति की समस्या है| इस समस्या का एक संभव हल है ...