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जल्दी ही खुद के अंग विकसित कर सकेंगे आप

वैज्ञानिकों के मुताबिक पांच साल के भीतर मानव अपने खुद के अंग जैसे जोड़, रीढ़ की हड्डी और हृदय आदि को विकसित कर सकेगा, जिससे बुजुर्ग लोग अधिक उम्र में भी स्वस्थ रह सकेंगे।लीड्स विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड बायलॉजिकल इंजीनियरिंग का एक दल इस परियोजना पर काम कर रहा है, जिसके तहत बुजुर्ग लोग अपने क्षतिग्रस्त जोड़ों और हृदय को फिर से विकसित कर सकेंगे।
वैज्ञानिकों के मुताबिक इस परियोजना का उद्देश्य शरीर में इच्छानुरूप अंगों को बदल सकना है और अनुसंधान केंद्रों का प्रमुख ध्यान टिश्यू और मेडिकल इंजीनियरिंग की एक प्रणाली के इर्दगिर्द लगाना है।
प्रतिरक्षा विज्ञानी प्रोफेसर ऐलीन इंघम के नेतृत्व में वैज्ञानिक मनुष्य तथा जंतुओं के अंगों से जीवित कोशिकाओं को निकालने की तकनीक पर काम कर रहे हैं। जीवित कोशिकाएं स्नायुओं, जोड़ों और रक्त वाहिकाओं का पांच प्रतिशत से कम विकास करती हैं और इन्हें विशेष एंजाइमों तथा डिटर्जेंटों के साथ हटाया जा सकता है।
द डेली टेलीग्राफ की खबर के अनुसार इन जैविक कोशिकाओं को रोगियों के शरीर में प्रतिरोपित किया जाता है, जिसके बाद शरीर खुद ब खुद कोशिकाओं को बदल देता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तकनीक पांच साल के भीतर उपलब्ध हो सकती है और इसमें शरीर के अंग प्रभावी तरीके से खुद ही विकसित हो सकेंगे तथा एंटी रिजेक्शन ड्रगों की जरूरत खत्म हो जाएगी।
परियोजना को देख रहे प्रोफेसर जॉन फिशर के हवाले से बताया गया है, हम सभी लंबे समय तक जीते हैं लेकिन हमारे शरीर समान दर से थक जाते हैं। हम अब अपनी बुजुर्ग अवस्था में और अधिक सक्रिय जीवनशैली चाहते हैं। sabhar :http://www.livehindustan.com

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