प्राणायाम -ध्यान -समाधि क लिए चेतावनी

 
                    

           आध्यात्मिक क्षेत्र मे भक्ति करने के लिए जब योगक्रिया मे प्राणायाम-ध्यान-समाधि करने के लिए शरीर मे कोईभी प्रकार की तकलीफ ना होवे ईसिके लिए प्राणायाम-ध्यान-समाधि करने के बाद शरीर मे ठंडी लगती है अगर तो गरमी लगती है ईसिके लिए प्राणायाम-ध्यान-समाधि करने के बाद उठने के बाद शरीर मे गरमी लगेतो एक ग्लास ठंडा दूध मे दो चमची शहद डालकर तुरंत पी जानेका ईसिलिए शरीर मे गरमी नही लगेगी और प्राणायाम-ध्यान-समाधि करके उठने के बाद शरीर मे ठंडी लगेतो एक कप चाय या तो गरम दूध मे गरम मसाले सूंठ, काळामरी, दावचीनी ये तीनो सप्रमाण मे एक कप चाय मे एक ग्राम जितना मसाला डालकर पी जानेका ईसिलिए शरीर मे ठंडी नही लगेगी ये दोनो चीजे प्राणायाम के बाद लेना फरजियात होता है नहीं तो शरीर का बेलेन्स बिगड जाता है और प्राणायाम-ध्यान-समाधि करके के बाद 15 से 20 मिनिट तक पानी कभी पीना मत कीतनी भी  प्यास लगेतो भी पानी कभी मत पीना 15 से 20 मिनिट के बाद पानी आप पी शकते हो ईसिके पहले कभी पानी मत पीना नहितर तुरंत ही दो मिनिट मे आपको शरदी-झुकीम हो जायेगा ये बात का हंमेशा के लिए आपको ख्याल रखना पडेगा. 

           प्राणायाम-ध्यान-समाधि करने के लिए आपका अपान वायुं दुर्गन्ध रहित होना चाहिए अगर आपका अपान वायुं दुर्गन्ध वाला होगा तो आपका शरीर रोगिष्ट बन जायेगा ये बात का भी आपको ख्याल कखना पडेगा अपान वायुं मेसे दुर्गन्ध हटाने के लिए आपको कबजियात नही रहना चाहिए अगर आपका अपान वायुं दुर्गन्ध वाला है आपको कबजीयात,,गेस की तकलीफ है तो आपको 
(1):- 250ग्राम हरडे का चूरण 
(2):- 100ग्राम अजवाइन चूरण
(3):- 50ग्राम संचण (संचोडो-काला नमक) 
  ये तीनो चीजो परचारीकी दुकान से लाकर तीनो चूरण मिक्ष करके एक बोटल मे भरलो. हरदिन सांज को खाना खाने के बाद एक चमची चूरण पानी के साथ हरदिन पी जानेका ये चूरण से कबजीयात, गेस पित्त की समस्या नही रहती और आपका अपान वायुं भी गंधसे रहित हो जायेगा. सांम को खाना खाने के बाद एक कलाक के बाद ये चूरण हंमेशा के लिए आपको लेना है. ये चूरण से आपके शरीर मे वात-पित्त-कफ तीनो दोष मिट जायेगा तीनो दोष कंन्ट्रोल मे रहेगा ईसिलिए आपका शरीर भी निरोगी बन जायेगा ये चूरण तो कोईभी मानव ले सकते है  .और प्राणायाम-ध्यान-समाधि करके के लिए खाना खाने के बाद तीन कलाक के बाद हंमेशा करना टुंक मे भूखा पेट प्राणायाम-ध्यान-समाधि करना फरजियात है. और समाधि मे जाने के लिए अगले दिन से आपको खोराक बंध करना पडता है. होजरी मे या तो आंतर मे जूना मल नही होना चाहिए खोराक भी नहीं होना चाहिए होजरी और आंतर दोनो खाली करके समाधि मे आप बैठ शकते हो. होजरी और आंतर दोनो मे खोराक का या तो मल का कण भी रहेगा तो आप समाधि मे से वीपिस नही उतर शकते क्युकिं जल समाधि लगती है तब जो होजरी मे यो तो आंतर मे जूना मल होगा तो अपान वायुं कंठ की तमाम नशे ब्लोक कर देती है. वो डोज की नशे बंध हो जाने से आप समाधि मेसे नीचे नही उतर शकते और कायम के लिए आपकी समाधि लग जायेगी ईसिलिए ये बात का आपको बहुत ख्याल रखना पडेगा ईसिके पहले कभी समाधि मे मत जाना नहीतो आपका शरीर छूट जायेगा. 

       ---गगनगीरीजी महाराज

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