*सीएसए ने राई की नई प्रजाति सुरेखा ( के एम आर 16-2) की विकसित*
कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के तिलहन अनुभाग द्वारा राई की नई प्रजाति सुरेखा (केएमआर 16-2) विकसित की है। राई वैज्ञानिक डॉ महक सिंह ने बताया कि भारत सरकार द्वारा यह प्रजाति नोटिफाइड हो चुकी है।उन्होंने बताया कि दिनांक 17 जून 2022 को आईसीएआर के उप महानिदेशक फसल विज्ञान डॉ टी आर शर्मा की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय बीज विमोचन समिति की 88 वीं बैठक में राई की सुरेखा प्रजाति को नोटिफाइड किया गया है। डॉक्टर महक सिंह ने बताया कि यह प्रजाति उच्च तापक्रम के प्रति प्रारंभिक अवस्था में सहिष्णु है तथा अगेती एवं समय से बुवाई हेतु संस्तुति है उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी जलवायु क्षेत्रों हेतु सिंचाई दशा के लिए संस्तुति है। उन्होंने बताया कि इस प्रजाति का उत्पादन 25 से 28 कुंतल प्रति हेक्टेयर है। तथा 125 से 130 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। डॉ सिंह ने कहा कि इस प्रजाति में 41.2 से 42.6% तेल की मात्रा पाई जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रजातिअल्टरनरिया ब्लाइट एवं व्हाइट रस्ट के प्रति प्रतिरोधी है। उन्होंने बताया कि राई की उर्वशी प्रजाति से 16.69% अधिक उत्पादन देती है। निदेशक शोध डॉक्टर करम हुसैन ने बताया कि यह प्रजाति उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगी।विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डीआर सिंह ने राई की नवीन प्रजाति को विकसित करने वाले वैज्ञानिकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
वैज्ञानिकों को इंडोनेशियाई वर्षावन के अंदरूनी हिस्सों में एक ऐसा मेंढक मिला है जो अंडे देने के बजाय सीधे बच्चे को जन्म देता है. एशिया में मेंढकों की एक खास प्रजाति 'लिम्नोनेक्टेस लार्वीपार्टस' की खोज कुछ दशक पहले इंडोनेशियाई रिसर्चर जोको इस्कांदर ने की थी. वैज्ञानिकों को लगता था कि यह मेंढक अंडों की जगह सीधे टैडपोल पैदा कर सकता है, लेकिन किसी ने भी इनमें प्रजनन की प्रक्रिया को देखा नहीं था. पहली बार रिसर्चरों को एक ऐसा मेंढक मिला है जिसमें मादा ने अंडे नहीं बल्कि सीधे टैडपोल को जन्म दिया. मेंढक के जीवन चक्र में सबसे पहले अंडों के निषेचित होने के बाद उससे टैडपोल निकलते हैं जो कि एक पूर्ण विकसित मेंढक बनने तक की प्रक्रिया में पहली अवस्था है. टैडपोल का शरीर अर्धविकसित दिखाई देता है. इसके सबूत तब मिले जब बर्कले की कैलिफोर्निया यूनीवर्सिटी के रिसर्चर जिम मैकग्वायर इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप के वर्षावन में मेंढकों के प्रजनन संबंधी व्यवहार पर रिसर्च कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें यह खास मेंढक मिला जिसे पहले वह नर समझ रहे थे. गौर से देखने पर पता चला कि वह एक मादा मेंढक है, जिसके...
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