न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, एक बहुत ही छोटे क्लीनिकल ट्रायल में 18 रोगियों ने तकरीबन छह महीने तक डोस्टारलिमैब (Dostarlimab) नाम की दवा ली और अंत में उन सभी का कैंसर ट्यूमर गायब हो गया. Dostarlimab लैब में बनी मॉलिक्यूल (Molecule) वाली दवा है जो इंसान के शरीर में सबस्टीट्यूट एंटी बॉडी (Substitute Antibodies) के तौर पर काम करती है. ट्रायल के दौरान सभी 18 मलाशय के कैंसर (Rectal Cancer) पीड़ितों को एक ही दवा दी गई थी. मेडिकल दुनिया में यह एक बड़ी खबर है कि शारीरिक परीक्षण जैसे एंडोस्कोपी (endoscopy), पॉजिट्रान एमीशन टोमाग्राफी या पेट स्कैन (PET scans) या एमआरआई स्कैन (MRI scans) में से किसी में भी कैंसर डिटेक्ट नहीं हुआ डिटेल जानने के लिए इन दोनों यूट्यूब वीडियो को देखें.
वैज्ञानिकों को इंडोनेशियाई वर्षावन के अंदरूनी हिस्सों में एक ऐसा मेंढक मिला है जो अंडे देने के बजाय सीधे बच्चे को जन्म देता है. एशिया में मेंढकों की एक खास प्रजाति 'लिम्नोनेक्टेस लार्वीपार्टस' की खोज कुछ दशक पहले इंडोनेशियाई रिसर्चर जोको इस्कांदर ने की थी. वैज्ञानिकों को लगता था कि यह मेंढक अंडों की जगह सीधे टैडपोल पैदा कर सकता है, लेकिन किसी ने भी इनमें प्रजनन की प्रक्रिया को देखा नहीं था. पहली बार रिसर्चरों को एक ऐसा मेंढक मिला है जिसमें मादा ने अंडे नहीं बल्कि सीधे टैडपोल को जन्म दिया. मेंढक के जीवन चक्र में सबसे पहले अंडों के निषेचित होने के बाद उससे टैडपोल निकलते हैं जो कि एक पूर्ण विकसित मेंढक बनने तक की प्रक्रिया में पहली अवस्था है. टैडपोल का शरीर अर्धविकसित दिखाई देता है. इसके सबूत तब मिले जब बर्कले की कैलिफोर्निया यूनीवर्सिटी के रिसर्चर जिम मैकग्वायर इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप के वर्षावन में मेंढकों के प्रजनन संबंधी व्यवहार पर रिसर्च कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें यह खास मेंढक मिला जिसे पहले वह नर समझ रहे थे. गौर से देखने पर पता चला कि वह एक मादा मेंढक है, जिसके...
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