वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की आंतरिक संरचना की नई मैपिंग तकनीक का उपयोग करके प्रशांत महासागर के नीचे एक रहस्यमय ‘डूबे हुए संसार’ (Sunken World) की खोज
की है। यह खोज पृथ्वी के मेंटल (Mantle) में लगभग 2,900 किलोमीटर गहराई में की गई है, जहां भूकंपीय तरंगों (Seismic Waves) की गति अचानक धीमी हो जाती है। यह क्षेत्र लो-वेलोसिटी ज़ोन (Low-Velocity Zone) कहलाता है, जो वैज्ञानिकों को संकेत देता है कि यहाँ कोई असामान्य और अति-प्राचीन परत मौजूद हो सकती है।
‼️क्या है यह डूबा हुआ संसार?
यह संरचना पृथ्वी के शुरुआती इतिहास की एक बची हुई परत हो सकती है, जो संभवतः 4 अरब साल पुरानी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह किसी प्राचीन महाद्वीप या थिया (Theia) नामक एक प्राचीन ग्रह के अवशेष हो सकते हैं, जो अरबों साल पहले पृथ्वी से टकराया था और जिससे चंद्रमा का निर्माण हुआ था।
‼️कैसे हुआ यह खुलासा?
शोधकर्ताओं ने एक अत्याधुनिक सेस्मिक इमेजिंग तकनीक का उपयोग किया, जिससे पता चला कि यह परत आसपास के मेंटल की तुलना में घनी और गर्म है। इसका मतलब यह हो सकता है कि यह पृथ्वी के निर्माण के शुरुआती दिनों में गहरे मेंटल में समा गया कोई प्राचीन टुकड़ा है, जो अरबों सालों तक हमारी नजरों से छिपा रहा।
साभार फेसबुक ब्रह्मांड
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