वैज्ञानिको ने सौर ऊर्जा से चीनी बनाने में सफलता प्राप्त की है सिनसिनाटी विश्वविद्यालय के शोधकर्ता के दल ने सौर ऊर्जा से चीनी बनाने की कोशिश में कृत्रिम फोटो सिंथेटिक के जरिये चीनी बनाने की थी उन्होंने पौधों मेढक फफूद एन्जाएम और बैक्टेरिया को एक फोम के खोल में बंद करके सूरज की रोशनी और कार्बन डाई आक्साइड की मौजूदगी से इस प्रक्रिया में सफलता पाई यह पूरी प्रक्रिया अर्ध विषुवतीय छेत्र के टुंगारा मेडक के फोम से बने घोसले पर आधारित थी इस प्रक्रिया में सूरज की पूरी रोसनी का इस्तमाल चीनी बनाने के लिए होता है जबकि पौधे और फफूद फोटो सिंथेटिक के दौरान प्रकाश का इस्तेमाल अन्य कामो के लिए भी करते है इससे बनाई गयी चीनी को बड़ी आसानी से इथेनाल और दूसरे बायो फ्यूल में बदला जा सकता है यह एक ईधन के छेत्र एक अहम् खोज है
? ॐ सह नाववतु । सह नौ भुनक्तु । सह वीर्यं करवावहै । तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै । ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ अर्थ :'' हे! परमेश्वर ,हम शिष्य और आचार्य दोनों की साथ-साथ रक्षा करें। हम दोनों (गुरू और शिष्य) को साथ-साथ विद्या के फल का भोग कराए। हम दोनों एकसाथ मिलकर विद्या प्राप्ति का सामर्थ्य प्राप्त करें। हम दोनों का पढ़ा हुआ तेजस्वी हो। हम दोनों परस्पर द्वेष न करें''। ''सौंदर्य लहरी''की महिमा ;- 17 FACTS;- 1-सौंदर्य लहरी (संस्कृत: सौन्दरयलहरी) जिसका अर्थ है “सौंदर्य की लहरें” ऋषि आदि शंकर द्वारा लिखित संस्कृत में एक प्रसिद्ध साहित्यिक कृति है। कुछ लोगों का मानना है कि पहला भाग “आनंद लहरी” मेरु पर्वत पर स्वयं गणेश (या पुष्पदंत द्वारा) द्वारा उकेरा गया था। शंकर के शिक्षक गोविंद भगवदपाद के शिक्षक ऋषि गौड़पाद ने पुष्पदंत के लेखन को याद किया जिसे आदि शंकराचार्य तक ले जाया गया था। इसके एक सौ तीन श्लोक (छंद) शिव की पत्नी देवी पार्वती / दक्षिणायनी की सुंदरता, कृपा और उदारता की प्रशंसा करते हैं।सौन्दर्यलहरी/शाब्दिक अर्थ सौन्दर्य का
nice
जवाब देंहटाएंbahut bahut dhanyvaad aapko itni achhi rochakta se bhari ek gyan vardhak prastuti ke liye.
जवाब देंहटाएंaapko bhi shubh-kamna nav -varshh aapke liye mangalmay ho----
poonam
thanks poonam ji avam suman ji
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