हीमोफीलिया जैसी जन्मजात बीमारी के आगे चिकित्सा जगत भी लाचार है लेकिन अब ऐसे असाध्य रोगों का इलाज मुश्किल नहीं होगा फिलाडेल्फिया स्थित चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने जून 2011 में geen में बदलाव कर पहली बार इन बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित करने का दावा किया था हालांकि उनका शोध शुरुआती दौर में है और उन्हें उन्हें यह सफलता चूहों के इलाज में मिली थी लेकिन शोधकर्ता आने वाले समय में के लिए इसी एक बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई इस पद्धति को अनुवांशिक संपादन जिनोम एडिटिंग नाम दिया गया है शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तकनीक से आनुवंशिक त्रुटियों में सुधार किया जाएगा जिससे आने वाली पीढ़ी में जन्मजात बीमारी होती है शोधकर्ताओं ने इस तकनीक का प्रयोग चूहों पर किया जो सफल भी रहा इसमें ऐसे चूहों को लिया गया जो हीमोफीलिया बी नामक अनुवांशिक बीमारी से ग्रसित थे इस जन्मजात बीमारी में खून का थक्का बनने की प्रक्रिया रुक जाती है ऐसे में एक बार चोट लगने या कटने पर खून लगातार बहता रहता है जुआ से ज्यादा खून बह जाने पर कई बार मौत भी हो जाती है वैज्ञानिकों ने हीमोफीलिया बी से ग्रसित चूहों के जीनोम को संपादित किया इस प्रक्रिया में उनके खराब इनको बदल दिया गया वैज्ञानिकों ने पाया कि जिलों में बदलाव के बाद चूहे ठीक हो गए काटने पर उनका खून भी सामान्य चूहों की तरह जम गया वह भी बिना किसी negativ प्रभाव की
वैज्ञानिकों को इंडोनेशियाई वर्षावन के अंदरूनी हिस्सों में एक ऐसा मेंढक मिला है जो अंडे देने के बजाय सीधे बच्चे को जन्म देता है. एशिया में मेंढकों की एक खास प्रजाति 'लिम्नोनेक्टेस लार्वीपार्टस' की खोज कुछ दशक पहले इंडोनेशियाई रिसर्चर जोको इस्कांदर ने की थी. वैज्ञानिकों को लगता था कि यह मेंढक अंडों की जगह सीधे टैडपोल पैदा कर सकता है, लेकिन किसी ने भी इनमें प्रजनन की प्रक्रिया को देखा नहीं था. पहली बार रिसर्चरों को एक ऐसा मेंढक मिला है जिसमें मादा ने अंडे नहीं बल्कि सीधे टैडपोल को जन्म दिया. मेंढक के जीवन चक्र में सबसे पहले अंडों के निषेचित होने के बाद उससे टैडपोल निकलते हैं जो कि एक पूर्ण विकसित मेंढक बनने तक की प्रक्रिया में पहली अवस्था है. टैडपोल का शरीर अर्धविकसित दिखाई देता है. इसके सबूत तब मिले जब बर्कले की कैलिफोर्निया यूनीवर्सिटी के रिसर्चर जिम मैकग्वायर इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप के वर्षावन में मेंढकों के प्रजनन संबंधी व्यवहार पर रिसर्च कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें यह खास मेंढक मिला जिसे पहले वह नर समझ रहे थे. गौर से देखने पर पता चला कि वह एक मादा मेंढक है, जिसके...
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