आने वाले समय में सोचते ही संदेश टेलीपैथी के द्वारा पहुंच जाएंगे यह प्रयोग पहले ही भारत में किया जा चुका है जिसने तिरुवंतपुरम में बैठा व्यक्ति का संदेश 5000 किलोमीटर दूर बैठे फ्रांस में एक व्यक्ति को बिना बताए जो संदेश उसे भेजा गया वह उन्हें डिकोट करके पढ़ लिया जिसमें शोधकर्ता ने इलेक्ट्रोन्सेफेलोग्राफी हेडसेट का प्रयोग करके दिमाग में होला और सिआओ कहने पर न्यू डांस की गतिविधियों की में उनकी इलेक्ट्रिक इक्विटी को रिकॉर्ड किया मैं बायनरी कोर्ट में बदलकर दूसरे व्यक्ति के ब्रेन तक भेज दिया जिससे मात्र महसूस कर डिकोट कर लिया इसमें इलेक्ट्रिक करंट को तमाम तरह के विचारों से जोड़ा जाता है और उसे कंप्यूटर इंटरफेस में डाल दिया जाता है कंप्यूटर इन सिग्नल का विशेषण कर क्रिया को नियंत्रित करता है कंप्यूटर इंटरफेस की जगह आउटपुट के लिए दूसरे व्यक्ति के दिमाग को आईजी से जोड़ दिया जाता है रिसीवर एंड पर बैठे व्यक्ति के पास जब मैसेज पहुंचा पहुंचा तो उसे चमक सी महसूस हुई जब उसने इसे डिकोड किया तो वही संदेश निकला जो संदेश भेजने वालों ने लिखा था इस प्रकार वेदों पुराणों में देवताओं आध्यात्मिक रूप से उन्नत महात्माओं को टेलीपैथी द्वारा संदेश भेज आने का जिक्र मिलता है वह आज इस तरह साबित हो रही है
? ॐ सह नाववतु । सह नौ भुनक्तु । सह वीर्यं करवावहै । तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै । ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ अर्थ :'' हे! परमेश्वर ,हम शिष्य और आचार्य दोनों की साथ-साथ रक्षा करें। हम दोनों (गुरू और शिष्य) को साथ-साथ विद्या के फल का भोग कराए। हम दोनों एकसाथ मिलकर विद्या प्राप्ति का सामर्थ्य प्राप्त करें। हम दोनों का पढ़ा हुआ तेजस्वी हो। हम दोनों परस्पर द्वेष न करें''। ''सौंदर्य लहरी''की महिमा ;- 17 FACTS;- 1-सौंदर्य लहरी (संस्कृत: सौन्दरयलहरी) जिसका अर्थ है “सौंदर्य की लहरें” ऋषि आदि शंकर द्वारा लिखित संस्कृत में एक प्रसिद्ध साहित्यिक कृति है। कुछ लोगों का मानना है कि पहला भाग “आनंद लहरी” मेरु पर्वत पर स्वयं गणेश (या पुष्पदंत द्वारा) द्वारा उकेरा गया था। शंकर के शिक्षक गोविंद भगवदपाद के शिक्षक ऋषि गौड़पाद ने पुष्पदंत के लेखन को याद किया जिसे आदि शंकराचार्य तक ले जाया गया था। इसके एक सौ तीन श्लोक (छंद) शिव की पत्नी देवी पार्वती / दक्षिणायनी की सुंदरता, कृपा और उदारता की प्रशंसा करते हैं।सौन्दर्यलहरी/शाब्दिक अर्थ सौन्दर्य का
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