अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन शोध पत्रिका में प्रकाशित एक अन्वेषण के अनुसार गर्भवती महिलाओं के रुधिर के डीएनए के परीक्षण से 7 सप्ताह के गर्भस्थ शिशु के लिंग का निर्धारण किया जा सकता है और इससे उनको कोई हाथ भी नहीं पहुंचती है शोध में कहा गया है कि यदि एमियों से टेंसेस लिखित या सोनोग्राम आज विधियों की तुलना में अधिक सटीक है तथा गर्भवती महिला के गर्भाशय जहां से अधिक सुरक्षित है गर्भस्थ शिशु का अल्ट्रासाउंड भी 11 से 14 सप्ताह का होने पर ही किया जा सकता है लेकिन रक्त के डीएनए के परीक्षण के साथ सप्ताह के गर्भ में शिशु का लिंग निर्धारित किया जा सकता है
वैज्ञानिकों को इंडोनेशियाई वर्षावन के अंदरूनी हिस्सों में एक ऐसा मेंढक मिला है जो अंडे देने के बजाय सीधे बच्चे को जन्म देता है. एशिया में मेंढकों की एक खास प्रजाति 'लिम्नोनेक्टेस लार्वीपार्टस' की खोज कुछ दशक पहले इंडोनेशियाई रिसर्चर जोको इस्कांदर ने की थी. वैज्ञानिकों को लगता था कि यह मेंढक अंडों की जगह सीधे टैडपोल पैदा कर सकता है, लेकिन किसी ने भी इनमें प्रजनन की प्रक्रिया को देखा नहीं था. पहली बार रिसर्चरों को एक ऐसा मेंढक मिला है जिसमें मादा ने अंडे नहीं बल्कि सीधे टैडपोल को जन्म दिया. मेंढक के जीवन चक्र में सबसे पहले अंडों के निषेचित होने के बाद उससे टैडपोल निकलते हैं जो कि एक पूर्ण विकसित मेंढक बनने तक की प्रक्रिया में पहली अवस्था है. टैडपोल का शरीर अर्धविकसित दिखाई देता है. इसके सबूत तब मिले जब बर्कले की कैलिफोर्निया यूनीवर्सिटी के रिसर्चर जिम मैकग्वायर इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप के वर्षावन में मेंढकों के प्रजनन संबंधी व्यवहार पर रिसर्च कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें यह खास मेंढक मिला जिसे पहले वह नर समझ रहे थे. गौर से देखने पर पता चला कि वह एक मादा मेंढक है, जिसके...
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