जिनेवा में स्थित भौतिकी की दुनिया की सबसे बड़ी प्रयोगशाला शरण में वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने सबअटॉमिक पार्टिकल यानी अति सूक्ष्म कण ने दोनों की गति प्रकाश की गति से भी ज्यादा पाई है अगर ऐसा सच हुआ तो यह भौतिकी के मूलभूत नियमों को पलटने वाली खोज होगी क्योंकि उनके मुताबिक प्रकाश की गति से ज्यादा तेज कुछ भी नहीं है शर्म से 732 किलोमीटर दूर स्थित ग्रैंड सांसों प्रयोगशाला को भेजे गए न्यूट्रींों प्रकाश की गति से 1 सेकंड से के बहुत ही छोटे हिस्से से तेज पाए गए शोधकर्ता स्वीकार कर रहे हैं कि वे इस नतीजे से काफी आश्चर्यचकित है और इसलिए उन्होंने कोई दावा नहीं करते हुए अन्य लोगों से स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि करने की अपील की है शोधकर्ताओं के गुटके ने कहा है कि वे इस दावे को लेकर काफी सावधानी बरत रहे हैं रिपोर्ट इटली में ग्रंथों की भूमिकाएं भेजा जिससे पता चले कि उनमें से कितने रूप बदलकर के रूप में वहां पहुंचे इस प्रयोग के दौरान शोधकर्ताओं ने देखा कि उतनी ही दूरी के कुछ हिस्से से तेजी से तय कर ली इस टीम ने नैनों की यह दूरी तय करने का प्रयोग किया उसके बाद इतनी बार इस जानकारी को पाया जिससे एक औपचारिक खोज कहा जा सके मगर वैज्ञानिकों का यह दल समझता है की प्रक्रिया में मामूली सी भी गलती से बेहद गलत नतीजे आ सकता है कि करने प्रकाश की गति को भी पछाड़ दिया इसलिए उन्होंने अपनी आंखों के सामने रख दिया है
? ॐ सह नाववतु । सह नौ भुनक्तु । सह वीर्यं करवावहै । तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै । ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ अर्थ :'' हे! परमेश्वर ,हम शिष्य और आचार्य दोनों की साथ-साथ रक्षा करें। हम दोनों (गुरू और शिष्य) को साथ-साथ विद्या के फल का भोग कराए। हम दोनों एकसाथ मिलकर विद्या प्राप्ति का सामर्थ्य प्राप्त करें। हम दोनों का पढ़ा हुआ तेजस्वी हो। हम दोनों परस्पर द्वेष न करें''। ''सौंदर्य लहरी''की महिमा ;- 17 FACTS;- 1-सौंदर्य लहरी (संस्कृत: सौन्दरयलहरी) जिसका अर्थ है “सौंदर्य की लहरें” ऋषि आदि शंकर द्वारा लिखित संस्कृत में एक प्रसिद्ध साहित्यिक कृति है। कुछ लोगों का मानना है कि पहला भाग “आनंद लहरी” मेरु पर्वत पर स्वयं गणेश (या पुष्पदंत द्वारा) द्वारा उकेरा गया था। शंकर के शिक्षक गोविंद भगवदपाद के शिक्षक ऋषि गौड़पाद ने पुष्पदंत के लेखन को याद किया जिसे आदि शंकराचार्य तक ले जाया गया था। इसके एक सौ तीन श्लोक (छंद) शिव की पत्नी देवी पार्वती / दक्षिणायनी की सुंदरता, कृपा और उदारता की प्रशंसा करते हैं।सौन्दर्यलहरी/शाब्दिक अर्थ सौन्दर्य का
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
vigyan ke naye samachar ke liye dekhe