बैक्टीरिया के मामूली इंफेक्शन से हमारा शरीर अपने इम्यून सिस्टम के दम पर निपट लेता है. लेकिन जब इम्यून सिस्टम का ही दम निकल जाता है तो बैक्टीरिया से लड़ने और उसे हराने के लिए लिए एंटी-बायोटिक्स की ज़रूरत होती है.लेकिन धीरे-धीरे कई वर्षों में हुआ ये कि हमने-आपने जाने-अनजाने इतनी अधिक एंटी-बायोटिक्स ले ली है कि बैक्टीरिया को भी एंटी-बायोटिक्स की एक तरह से आदत हो गई है और नतीजा ये हुआ कि एंटी-बायोटिक्स, बैक्टीरिया पर बेअसर नज़र आने लगीं.तो इस हफ्ते, दुनिया जहान में हम ये सवाल पूछ रहे हैं कि एंटी-बायोटिक्स आख़िर कब, क्यों और कैसे बेअसर होने लगे और ये नौबत क्यों आई.एंटी-बायोटिक्स वो दवाएं हैं जो हमारे शरीर में बैक्टीरिया की वजह से होने वाले इंफेक्शन को रोकने में मदद करती हैं.
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? ॐ सह नाववतु । सह नौ भुनक्तु । सह वीर्यं करवावहै । तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै । ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ अर्थ :'' हे! परमेश्वर ,हम शिष्य और आचार्य दोनों की साथ-साथ रक्षा करें। हम दोनों (गुरू और शिष्य) को साथ-साथ विद्या के फल का भोग कराए। हम दोनों एकसाथ मिलकर विद्या प्राप्ति का सामर्थ्य प्राप्त करें। हम दोनों का पढ़ा हुआ तेजस्वी हो। हम दोनों परस्पर द्वेष न करें''। ''सौंदर्य लहरी''की महिमा ;- 17 FACTS;- 1-सौंदर्य लहरी (संस्कृत: सौन्दरयलहरी) जिसका अर्थ है “सौंदर्य की लहरें” ऋषि आदि शंकर द्वारा लिखित संस्कृत में एक प्रसिद्ध साहित्यिक कृति है। कुछ लोगों का मानना है कि पहला भाग “आनंद लहरी” मेरु पर्वत पर स्वयं गणेश (या पुष्पदंत द्वारा) द्वारा उकेरा गया था। शंकर के शिक्षक गोविंद भगवदपाद के शिक्षक ऋषि गौड़पाद ने पुष्पदंत के लेखन को याद किया जिसे आदि शंकराचार्य तक ले जाया गया था। इसके एक सौ तीन श्लोक (छंद) शिव की पत्नी देवी पार्वती / दक्षिणायनी की सुंदरता, कृपा और उदारता की प्रशंसा करते हैं।सौन्दर्यलहरी/शाब्दिक अर्थ सौन्दर्य का
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