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करी पत्ता/ मीठा नीम

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इसका वैज्ञानिक अथवा वानस्पतिक नाम Murraya Koenigii है।

दोस्तो करी पत्ता से तो आप सभी लोग परिचित ही होंगे। इसे मीठा नीम भी कहते हैं। नीम से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है, लेकिन इसकी पत्तियों का आकार- प्रकार नीम की तरह होने के कारण इसे मीठा नीम कह दिया जाता है। नीम वृक्ष काफी बड़ा होता है जबकि यह झाड़ी नुमा आकर में होता है। नीम के पत्ते बहुत कड़ुए होते हैं, जबकि इसके पत्तों का स्वाद बहुत हल्का कड़ुआ पन लिए हुए होता है।
इसकी खुशबू और स्वाद नमकीन व्यंजनों की रंगत बढ़ा देती है। रसदार सब्जियों में इसका प्रयोग किए जाने की वजह से इसे कड़ी पत्ता कहा जाता है। वैसे इसका प्रयोग सूखे, गीले, रसदार सभी प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है।

दक्षिण भारत में लगभग सभी प्रकार के नमकीन व्यंजनों में इसका प्रयोग बहुतायत में किया जाता है। अब उत्तर भारत सहित समूचे भारत में भी इसका प्रयोग होने लगा है।

व्यंजनों में इसकी ताजी पत्तियों को छोंक के रूप में प्रयोग किया जाता है। सांथ ही इसकी पत्तियों को सुखा कर भी रखा जा सकता है। इसकी पत्तियों को तोड़ कर अखबार में फैला कर एक दिन छाया में सुखा लें, दूसरे दिन किसी टोकरी में अखबार के अन्दर बन्द कर 1- 2 घण्टे हल्की धूप में रख दें, जब इसकी पूरी नमी निकल जाए तो बन्द डब्बे में संभाल दें और जरूरत होने पर प्रयोग करते रहें। इसे खुली धूप में न सुखाएं, ऐसा करने से इसका रंग और खुशबू उड़ जाती है तथा स्वाद फीका पड़ जाता है।

यह आजकल आसपास के क्षेत्रों में बहुतायत में उपलब्ध है। वर्षाऋतु में इसके नए पत्ते आते हैं, वर्षा से धुले हुए पत्ते साफ- स्वच्छ रहते हैं, इन्हें काफी समय तक संभाल कर रखा जा सकता है। sabhar Ram prsad bhojan kalp brichh Facebook wall

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