see sorce अंतरिक्ष में बच्चे पैदा किए जा सकते हैं इस सवाल को वैज्ञानिक मानव प्रजाति के भविष्य के लिए हम मानते हैं इसलिए वर्षों से इस क्षेत्र में शोध किया जा रहा है और पहली बार इसमें कुछ सफलता हासिल हुई है वैज्ञानिकों का कहना है कि चूहे के स्तनों से उन्होंने 168 चूहे पैदा किए सालों तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में रखे जाने के बाद इनसे जापान की एक प्रयोगशाला में एक चुहिया को गर्भवती किया गया और 168 बच्चे पैदा हुए स्पर्म को स्विच करने के लिए जिस स्तर के रेडिएशन की जरूरत होती है जैपनीज एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के स्पेस सेंटर में इन्हें उस से 170 गुना ज्यादा रेडिएशन लेवल पर रखा गया अंतरिक्ष में रेडिएशन का स्तर पृथ्वी से ज्यादा होता है यामा नाशी यूनिवर्सिटी के जीव विज्ञानिक तेनु ही को वाह का या मां के नेतृत्व में हुआ या धन साइंस एडवांस नामक पत्रिका में छपा है डाकर डॉक्टर वाकायामा कहते हैं कि अंतरिक्ष में रेडिएशन के में शुक्राणुओं के डीएनए को नुकसान नहीं पहुंचाया ना ही इनकी जनन क्षमता को प्रभावित किया इन शुक्राणु से जन्मे बच्चे उतने ही स्वस्थ हुए जितने पृथ्वी पर जन्मे चूहे के बच्चे हो सकते हैं ना उनके जींस में किसी तरह की खामी पाई गई यहां तक कि उनके बच्चों के बच्चे भी स्वस्थ पैदा हुए वैज्ञानिक समझने की कोशिश कर रहे हैं अंतरिक्ष की परिस्थितियां किस तरह प्रभावित करती हैं एक चिंता यह है कि अंतरिक्ष में रेडिएशन का ज्यादा होना जींस को प्रभावित कर सकता है जीरो ग्रेविटी की परिस्थिति लेकर भी चिंता है कि कहीं वह एंब्रियो के विकास को प्रभावित ना कर दे sorce www.dw.de
वैज्ञानिकों को इंडोनेशियाई वर्षावन के अंदरूनी हिस्सों में एक ऐसा मेंढक मिला है जो अंडे देने के बजाय सीधे बच्चे को जन्म देता है. एशिया में मेंढकों की एक खास प्रजाति 'लिम्नोनेक्टेस लार्वीपार्टस' की खोज कुछ दशक पहले इंडोनेशियाई रिसर्चर जोको इस्कांदर ने की थी. वैज्ञानिकों को लगता था कि यह मेंढक अंडों की जगह सीधे टैडपोल पैदा कर सकता है, लेकिन किसी ने भी इनमें प्रजनन की प्रक्रिया को देखा नहीं था. पहली बार रिसर्चरों को एक ऐसा मेंढक मिला है जिसमें मादा ने अंडे नहीं बल्कि सीधे टैडपोल को जन्म दिया. मेंढक के जीवन चक्र में सबसे पहले अंडों के निषेचित होने के बाद उससे टैडपोल निकलते हैं जो कि एक पूर्ण विकसित मेंढक बनने तक की प्रक्रिया में पहली अवस्था है. टैडपोल का शरीर अर्धविकसित दिखाई देता है. इसके सबूत तब मिले जब बर्कले की कैलिफोर्निया यूनीवर्सिटी के रिसर्चर जिम मैकग्वायर इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप के वर्षावन में मेंढकों के प्रजनन संबंधी व्यवहार पर रिसर्च कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें यह खास मेंढक मिला जिसे पहले वह नर समझ रहे थे. गौर से देखने पर पता चला कि वह एक मादा मेंढक है, जिसके...
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