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Live Basic Arthroscopic Rotator cuff repair Surgery by Dr Prathmesh

This video focuses on ABC of rotator cuff repair. Learn how to do a subacromial arthroscopy and rotator cuff repair of small rotator cuff tear. This video has been made keeping into consideration the needs and requirements of a patient who plans to start doing arthroscopic rotator cuff repairs.

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पहला मेंढक जो अंडे नहीं बच्चे देता है

वैज्ञानिकों को इंडोनेशियाई वर्षावन के अंदरूनी हिस्सों में एक ऐसा मेंढक मिला है जो अंडे देने के बजाय सीधे बच्चे को जन्म देता है. एशिया में मेंढकों की एक खास प्रजाति 'लिम्नोनेक्टेस लार्वीपार्टस' की खोज कुछ दशक पहले इंडोनेशियाई रिसर्चर जोको इस्कांदर ने की थी. वैज्ञानिकों को लगता था कि यह मेंढक अंडों की जगह सीधे टैडपोल पैदा कर सकता है, लेकिन किसी ने भी इनमें प्रजनन की प्रक्रिया को देखा नहीं था. पहली बार रिसर्चरों को एक ऐसा मेंढक मिला है जिसमें मादा ने अंडे नहीं बल्कि सीधे टैडपोल को जन्म दिया. मेंढक के जीवन चक्र में सबसे पहले अंडों के निषेचित होने के बाद उससे टैडपोल निकलते हैं जो कि एक पूर्ण विकसित मेंढक बनने तक की प्रक्रिया में पहली अवस्था है. टैडपोल का शरीर अर्धविकसित दिखाई देता है. इसके सबूत तब मिले जब बर्कले की कैलिफोर्निया यूनीवर्सिटी के रिसर्चर जिम मैकग्वायर इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप के वर्षावन में मेंढकों के प्रजनन संबंधी व्यवहार पर रिसर्च कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें यह खास मेंढक मिला जिसे पहले वह नर समझ रहे थे. गौर से देखने पर पता चला कि वह एक मादा मेंढक है, जिसके...

क्या है आदि शंकर द्वारा लिखित ''सौंदर्य लहरी''की महिमा

?     ॐ सह नाववतु । सह नौ भुनक्तु । सह वीर्यं करवावहै । तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै । ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥  अर्थ :'' हे! परमेश्वर ,हम शिष्य और आचार्य दोनों की साथ-साथ रक्षा करें। हम दोनों  (गुरू और शिष्य) को साथ-साथ विद्या के फल का भोग कराए। हम दोनों एकसाथ मिलकर विद्या प्राप्ति का सामर्थ्य प्राप्त करें। हम दोनों का पढ़ा हुआ तेजस्वी हो। हम दोनों परस्पर द्वेष न करें''।      ''सौंदर्य लहरी''की महिमा   ;- 17 FACTS;- 1-सौंदर्य लहरी (संस्कृत: सौन्दरयलहरी) जिसका अर्थ है “सौंदर्य की लहरें” ऋषि आदि शंकर द्वारा लिखित संस्कृत में एक प्रसिद्ध साहित्यिक कृति है। कुछ लोगों का मानना है कि पहला भाग “आनंद लहरी” मेरु पर्वत पर स्वयं गणेश (या पुष्पदंत द्वारा) द्वारा उकेरा गया था। शंकर के शिक्षक गोविंद भगवदपाद के शिक्षक ऋषि गौड़पाद ने पुष्पदंत के लेखन को याद किया जिसे आदि शंकराचार्य तक ले जाया गया था। इसके एक सौ तीन श्लोक (छंद) शिव की पत्नी देवी पार्वती / दक्षिणायनी की सुंदरता, कृपा और उदारता की प्रशंसा करते हैं।सौन्दर्यलहरी/शाब्दिक अर्थ...

स्त्री-पुरुष क्यों दूसरे स्त्री-पुरुषों के प्रति आकर्षित हैं आजकल

 [[[नमःशिवाय]]]              श्री गुरूवे नम:                                                                              #प्राण_ओर_आकर्षण  स्त्री-पुरुष क्यों दूसरे स्त्री-पुरुषों के प्रति आकर्षित हैं आजकल इसका कारण है--अपान प्राण। जो एक से संतुष्ट नहीं हो सकता, वह कभी संतुष्ट नहीं होता। उसका जीवन एक मृग- तृष्णा है। इसलिए भारतीय योग में ब्रह्मचर्य आश्रम का यही उद्देश्य रहा है कि 25 वर्ष तक ब्रह्मचर्य का पालन करे। इसका अर्थ यह नहीं कि पुरष नारी की ओर देखे भी नहीं। ऐसा नहीं था --प्राचीन काल में गुरु अपने शिष्य को अभ्यास कराता था जिसमें अपान प्राण और कूर्म प्राण को साधा जा सके और आगे का गृहस्थ जीवन सफल रहे--यही इसका गूढ़ रहस्य था।प्राचीन काल में चार आश्रमों का बड़ा ही महत्व था। इसके पीछे गंभीर आशय था। जीवन को संतुलित कर स्वस्थ रहकर अपने कर्म को पूर्ण करना ...